बड़ी खबर: मुंबई में रनवे पर फिसला गया Air India का विमान, 136 यात्री थे सवार.. जानिए कैसे हुई घटना ?

मुंबई | एक तरफ संसद के मानसून सत्र में विमानन मंत्री राम मोहन नायडू अहमदाबाद में हुए विमान हादसे पर बयान दे रहे थे, वहीं दूसरी ओर मुंबई एयरपोर्ट पर एक और बड़ा हादसा टल गया। कोच्चि से मुंबई आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट A12744 रनवे पर लैंडिंग के दौरान फिसल गई। भारी बारिश के बीच हुई इस घटना ने देश की विमानन सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सौभाग्य से सभी यात्री सुरक्षित हैं।
संसद में पुराना मामला, मुंबई में नया संकट
राज्यसभा में विमान हादसों पर जवाब देते हुए केंद्रीय विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि अहमदाबाद में हुए हालिया हादसे की जांच जारी है और अब तक की जानकारी के मुताबिक ईंधन सप्लाई कटने की वजह सामने आ रही है। मंत्री का यह बयान तब आया जब मुंबई में एक और हादसा लगभग होते-होते टल गया।
बारिश में रनवे पर फिसला एयर इंडिया का विमान
सोमवार सुबह कोच्चि से मुंबई आई एयर इंडिया की फ्लाइट A12744 (VT‑TYA), जब छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रनवे 27 पर लैंड कर रही थी, तभी तेज बारिश के कारण विमान फिसल गया। विमान का कंट्रोल बिगड़ते ही वह रनवे की सीमा पार कर टैक्सीवे की ओर चला गया। यह घटना सुबह 6:35 बजे के आसपास हुई।
136 यात्रियों की जान बची, स्टाफ की सतर्कता ने टाला बड़ा हादसा
इस फ्लाइट में करीब 136 यात्री सवार थे। पायलट और क्रू की तत्परता ने एक बड़ा हादसा टाल दिया। सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है और किसी को कोई चोट नहीं आई है। एयर इंडिया ने इस घटना पर खेद जताते हुए यात्रियों की असुविधा के लिए माफी मांगी है।
क्या बारिश बनी हादसे की वजह?
मौसम विभाग ने मुंबई में भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी। रनवे पर जमा पानी और फिसलन ही इस हादसे की संभावित वजह मानी जा रही है। सवाल ये भी उठ रहे हैं कि क्या रनवे पर ड्रेनेज सिस्टम और एंटी-स्किड उपाय पर्याप्त थे?
एयर ट्रैफिक कंट्रोल और DGCA की भूमिका पर उठे सवाल
इस घटना के बाद एयरपोर्ट की सुरक्षा और संचालन प्रक्रियाओं पर कई सवाल खड़े हुए हैं:
- क्या पायलट को मौसम की पूरी जानकारी दी गई थी?
- क्या रनवे की स्थिति लैंडिंग के लिए उपयुक्त थी?
- क्या मॉनसून ऑपरेशन प्रोटोकॉल का पालन हुआ?
DGCA और एयरपोर्ट अथॉरिटी ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
क्या सीख ले रही है सरकार?
संसद में दिए गए बयान और वास्तविक स्थिति में अंतर साफ दिख रहा है। अहमदाबाद हादसे की जांच अभी पूरी नहीं हुई थी कि एक और मामला सामने आ गया। इससे सवाल उठते हैं कि क्या भारत की विमानन व्यवस्था सचमुच सुरक्षित है या केवल आंकड़ों और बयानों के भरोसे चल रही है?
सुरक्षा पर दोहरा संकट
जहां एक ओर संसद में मंत्री पुराने हादसों की सफाई दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ज़मीन पर हालात सरकार के दावों की पोल खोल रहे हैं। एयर इंडिया की इस घटना ने एक बार फिर मॉनसून के मौसम में विमान सुरक्षा को लेकर सतर्कता और सुधार की ज़रूरत को उजागर कर दिया है।