अहमदाबाद विमान हादसे के बाद आखिर क्यों बदला गया “बोइंग ड्रीमलीनेर AI-171” का नाम ? सामने आई ये वजह !

12 जून 2025 को अहमदाबाद हवाई अड्डे से लंदन‑गैटविक के लिए उड़ान भरने वाला एयर इंडिया का बोइंग 787‑8 ड्रीमलीनेर, AI‑171, टेकऑफ़ के तुरंत बाद मेघानी नगर के एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें करीब 241 यात्री और चालक दल सहित 39 से अधिक लोग मारे गए। इस दर्दनाक हादसे का एकमात्र जीवित यात्री वश्वश कुमार रमेश रहे, जो अपनी बहन के साथ यात्रा पर थे। इस शॉकिंग घटना ने भारतीय एविएशन इतिहास में गहरा धक्का दिया—यह बोइंग ड्रीमलीनेर का पहला घातक हादसा भी था।
क्यों बदला गया फ्लाइट नंबर ?
एयर इंडिया ने AI‑171 का नंबर अविलंब से AI‑159 कर दिया। इसका उद्देश्य था इस त्रासदी से जुड़ी दुर्भाग्यपूर्ण यादों को तोड़ना और मानसिक रूप से यात्रियों व क्रू को राहत देना । इस रीटायरमेंट से महिलाओं और परिवारों ने एक नई शुरुआत का संकेत जाना।
वैश्विक मिसालें
इसी तरह, 2014 में मलेशिया एयरलाइन्स ने MH370 को MH318 में पुनःसंख्या दी, और इंडोनेशिया की Lion Air भी JT610 को JT618 में बदल चुकी है—दोनों ही हादसों में भारी जनहानि हुई थी।
नया AI‑159: भय और आशा का संगम
चार दिन बाद, यानी 16 जून को, अहमदाबाद‑गैटविक के मार्ग पर AI‑159 की उड़ान शुरू हुई, जिसमें 200 से अधिक यात्री बैठे—दिल में भय, आंखों में उम्मीद।जयंश रमजी जैसे यात्री जो शायद AI‑171 में जाने वाले थे, उनका अनुभव दर्शाता है कि किस तरह यह नंबर परिवर्तन कायमी और मानसिक पुनरुद्धार का संकेत था।
जाँच और सुरक्षा का सख्त रुख
दुर्घटना के तुरंत बाद, DGCA सहित भारतीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने जांच तेज़ की। सभी बोइंग 787‑8 व 9 ड्रीमलीनेर विमानों पर अतिरिक्त तकनीकी और संरचनात्मक जांचें करनी निर्देशित कीं
उड़ानों में देरी, रद्दीकरण और रोड मैप परिवर्तन जैसे कदम उठाए गए ताकि सुदृढ़ निगरानी व यात्री आश्वस्ति सुनिश्चित हो सके ।
जांच की टिका‑ठोक बिंदुएँ
दोनों इंजिनों की हालिया सर्विसिंग हुई थी—दायां मार्च 2025, और बायां 2023 में ।
कप्तान सुमीत सभरवाल (11,500+ घंटे) और सहपायलट क्लाइव कुंडर (3,400+ घंटे) को बेहद अनुभवी बताया गया।
एयर ट्रैफिक रिकॉर्ड और फ्लाइट डेटा से पता चला कि टेकऑफ़ के तुरंत बाद रैम एयर टरबाइन सक्रिय हुआ, इमरजेंसी संकेत ।
भावनात्मक और प्रतीकात्मक असर
नंबर बदलने से न केवल एक नया फ्लाइट कोड जमेगा, बल्कि यात्रियों आणि कर्मचारीयों को मानसिक तौर पर राहत भी मिलेगी। ऐसा प्रतीकात्मक बदलाव एयरलाइंस करती हैं ताकि हादसे की छवि से दूरी बनाई जा सके और यात्रियों में विश्वास की पुनःस्थापना हो सके ।
फ्लाइट AI‑171 की भयावह दुर्घटना ने एयर इंडिया समेत पूरी दुनिया में सुरक्षा व मनोवैज्ञानिक पहलुओं की समीक्षा तेज़ कर दी है। AI‑159 के नामांतरण ने एक पुनरारंभ की राह दिखाई है, जहाँ तकनीक, नियम, और मानव मन सभी मिलकर आगे बढ़ेंगे। आगे की जांच रिपोर्ट और AAIB की अंतिम रिपोर्ट आने पर ही सच्चाई पूरी तरह सामने आएगी।