37 साल पहले भी अहमदाबाद में हुआ था प्लेन क्रैश.. तब गईं थी इतनी जानें.. वो भी था ‘बोइंग 737’ ! जानिए क्या अंतर ?

आज एक बार फिर अहमदाबाद एयरपोर्ट पर विमान हादसे की गूंज सुनाई दे रही है, लेकिन यह शहर पहले भी ऐसी भयावह घटना देखकर सदमे में रहा—37 साल पहले, 19 अक्टूबर 1988 को भारतीय वाणिज्यिक विमानन के इतिहास का एक काला दिन गया।

इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 113 का ऐतिहासिक हादसा

इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 113 (Boeing 737-200, रजिस्ट्रेशन VT‑EAH), मुंबई से अहमदाबाद के लिए जा रही थी। यह विमान सुबह लगभग 6:53 बजे रनवे के पास, अहमदाबाद एयरपोर्ट के करीब, चिलोड़ा कोटरपुर गांव के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ ।
विमान में 129 यात्री (124 वयस्क, 5 बच्चे) और 6 चालक दल सदस्य सवार थे

हादसे में उड़ी सभी आशाएँ, केवल 2 को मिली जिंदगी की झलक

कुल 135 लोगों में से 133 की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि केवल 2 लोगों ने गंभीर हालत में अस्पताल में दम तोड़ा।

दुर्घटना के तुरंत बाद विमान में भीषण आग भड़क उठी, जिसने अधिकतर यात्रियों को घेर लिया ।

ATC और पायलट की गलती सामने आई

जांच में पाया गया कि खराब दृश्यता में पायलट और कॉकपिट क्रू ने मानक प्रक्रियाओं की अनदेखी की—उन्होंने बिना रनवे देखे नीचे उड़ानम में भारी गिरावट दिखाई, जिससे विमानTrees और बिजली के तारों से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हुआ ।

अहम्‍दाबाद हवाई अड्डा के ATC ने रनवे विजुअल रेंज (RVR) रिपोर्ट नहीं दी थी और लैंडिंग गाइडलाइंस नहीं अपनाईं गईं।

अदालत में चली लंबी लड़ाई

दुर्घटना के बाद एक कोर्ट ऑफ़ इंक्वायरी ने रिपोर्ट सौंपी और DGCA के साथ NTSB (अमेरिका) ने मिलकर संस्तुतियाँ दीं ।

आरंभिक मुआवज़ा ₹2‑2 लाख प्रति शोकसंतप्त परिवार के लिए था, लेकिन गुजरात उच्च अदालत ने बाद में उम्र, पेशा और परिस्थिति को देखते हुए उच्च मुआवज़ा दिया ।

देश की सबसे बड़ी विमान त्रासदियों में दर्ज

इस हादसे को भारतीय वाणिज्यिक विमानन इतिहास में चौथा सबसे घातक दुर्घटना माना गया है, जो चरखी दादरी(1996) और कोजहिकोडे (2020) जैसी घटनाओं से पहले आया

इतिहास दोहराया न जाए, सतर्कता बहुत आवश्यक

37 साल पहले का यह दर्दनाक विमान हादसा बेहद महत्वपूर्ण सबक देता है—चाहे दृश्यता खराब हो, मानक प्रक्रिया का पालन करना बेहद जरूरी है और एयरपोर्ट अथॉरिटी की जिम्मेदारी है कि वह रनवे और ATC गाइडलाइंस की कड़ाई से पालना सुनिश्चित करें। नए विकसित समय में भी विमान सुरक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए।

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