Vice Principle बनी चोर: ऑनलाइन रमी खेलने के लिए कॉलेज से उड़ाए 8 लाख.. एक ‘तिल’ से पकड़ी गई, वरना..

गुजरात के अहमदाबाद स्थित मेघानीनगर इलाके में एक प्रतिष्ठित नर्सिंग कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल को ₹8 लाख की चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि आरोपी महिला ने इस रकम को ऑनलाइन रमी गेम में हारने के लिए चुराया था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और डिजिटल ट्रैकिंग के आधार पर महिला को गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला शिक्षा क्षेत्र में नैतिक पतन और ऑनलाइन गेमिंग लत के खतरनाक असर को उजागर करता है।

बुर्का पहनकर सुबह 6 बजे कॉलेज पहुंची आरोपी

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, यह वारदात 22 जुलाई की सुबह की है। आरोपी महिला, जो कि वाइस प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत थी, बुर्का पहनकर तड़के 6 बजे कॉलेज पहुंची और वहां मौजूद लॉकर से ₹8 लाख नकद निकाल लिए। उसके आने-जाने की सूचना किसी को नहीं थी, क्योंकि रविवार का दिन था और कॉलेज बंद था। महिला की चालाकी इतनी थी कि उसने सीसीटीवी में खुद को छिपाने की कोशिश की, लेकिन तकनीकी साक्ष्यों से बच नहीं सकी।

सीसीटीवी में दिखा सुराग: आंख के पास तिल से हुई पहचान

मेघानीनगर पुलिस ने कॉलेज परिसर के सीसीटीवी कैमरों की जांच की, जिसमें बुर्का पहने एक महिला नजर आई। शुरुआत में पहचान करना मुश्किल था, लेकिन आंख के पास मौजूद तिल से उसकी पहचान हो गई। इसके बाद पुलिस ने जब आरोपी से पूछताछ की, तो उसने चोरी की बात कबूल कर ली।

सब-इंस्पेक्टर आरएम चावड़ा के अनुसार, “सीसीटीवी की मदद से हम आरोपी तक पहुंचे। आंख के पास का तिल ही उसकी असली पहचान बना।”

रकम कहां गई? ऑनलाइन रमी गेम में हार गई लाखों

पूछताछ में सामने आया कि आरोपी महिला को ऑनलाइन रमी गेम की लत थी और वह पहले ही बड़ी रकम हार चुकी थी। इस लत को पूरा करने के लिए उसने चोरी का सहारा लिया।

पुलिस ने उसके घर से ₹2.36 लाख नकद बरामद किया, जबकि शेष रकम ऑनलाइन गेमिंग अकाउंट में जमा पाई गई, जिसे पुलिस ने फ्रीज करवा दिया है।

इस घटना से यह भी स्पष्ट हुआ कि कैसे एक शिक्षित और जिम्मेदार पद पर कार्यरत महिला भी डिजिटल जुए की गिरफ्त में आ सकती है।

IPC की धारा 380 और 408 के तहत मामला दर्ज

मेघानीनगर पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 380 (चोरी) और 408 (विश्वासघात कर चोरी) के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपी को अदालत में पेश किया गया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

पुलिस का कहना है कि यह मामला केवल एक वित्तीय अपराध नहीं बल्कि डिजिटल लत के कारण मानसिक और नैतिक पतन का उदाहरण भी है।

ऑनलाइन गेमिंग की लत कैसे बना सकती है अपराधी

यह मामला एक बड़ा सामाजिक संदेश देता है कि ऑनलाइन जुए और गेमिंग की लत सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य नहीं, बल्कि नैतिकता और करियर दोनों को खत्म कर सकती है।

एक महिला, जो कि नर्सिंग कॉलेज जैसे जिम्मेदार संस्थान की उप-प्राचार्य थी, वह इस लत में इतनी डूब गई कि चोरी जैसे अपराध को अंजाम देने से भी नहीं झिझकी।

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