जीडीपी में आधे से अधिक कृषि का हिस्सा था जो धीरे-धीरे कम होता गया-तोमर

तोमर ने कहा कि आजादी के समय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में आधे से अधिक कृषि का हिस्सा था जो धीरे-धीरे कम होता गया और दूसरे क्षेत्रों की हिस्सेदारी बढ़ती गयी। परिवहन, रेल, उद्योग तथा उत्पादन के अन्य क्षेत्रों में जरुरत के हिसाब से कानूनी बदलाव किये गये जिससे निजी क्षेत्र और वित्तीय संस्थाओं ने पूंजी लगाये गए।
उन्होंने एक ट्रक मालिक और किसान की तुलना करते हुए कहा कि ट्रक मालिक की बेहतर आय होती है। वह पूंजी लगाता है, बैंक उसकी मदद करता है और सरकार को ट्रक से कर भी मिलता है। खेती में निजी निवेश को बढावा देने के लिए कानून में बदलाव किये गये हैं ।
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को फसल ऋण दिलाने के लिए बजट में 16.5 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है कोरोना संकट के दौरान 2.17 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड पर ऋण स्वीकृत किये गये। उन्होंने कहा कि सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का प्रयास कर रही है और इसके लिए जैविक खेती , पशु पालन , मत्स्य पालन , मधुमक्खी पालन और प्रसंस्करण उद्योग को बढावा दिया जा रहा है ।

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