शादी वाले घर में पहुंची 6 बहनों की लाशें.. भाई ने सुनाया आंखो देखा मंजर.. कैसे तड़पती रहीं लड़कियां और..

आगरा के थाना सिकंदरा क्षेत्र के नगला नाथू गांव में मंगलवार सुबह यमुना नदी में नहाने गईं छह किशोरियां गहरे पानी में डूब गईं। हादसे में तीन सगी बहनों समेत एक ही परिवार की छह बेटियों की मौत हो गई। यह दिल दहला देने वाला हादसा उस वक्त हुआ जब ये लड़कियां मौज-मस्ती और नहाने के लिए यमुना घाट पर गई थीं। चंद मिनटों में हंसी-ठिठोली मातम में बदल गई और गांव में कोहराम मच गया।
जानलेवा साबित हुए यमुना में खनन से बने गड्ढे
स्थानीय लोगों के अनुसार, यमुना के घाटों पर अवैध खनन से बने गहरे गड्ढे आए दिन जान ले रहे हैं। इन घाटों पर सुरक्षा के कोई ठोस इंतजाम नहीं हैं, न ही चेतावनी बोर्ड लगाए जाते हैं। नगला नाथू, कैलाश घाट, रुनकता, ट्रांस यमुना क्षेत्र और एत्माद्दौला जैसे इलाकों में डूबने की घटनाएं आम होती जा रही हैं। बावजूद इसके प्रशासन केवल औपचारिकता निभा रहा है।
कैसे हुआ हादसा: रील बनाते हुए बनी मौत की वजह?
मृतक मुस्कान (18), दिव्या (15), संध्या उर्फ कंचन (12), नैना (14), शिवानी (17) और सोनम (12) आपस में सगी बहनें, मौसी-भांजीऔर चचेरी बहनें थीं। सोमवार को भी उन्होंने यमुना किनारे रील और सेल्फी ली थीं। मंगलवार सुबह लगभग 10:30 बजे जब वे दोबारा नहाने पहुंचीं, तो मुस्कान और शिवानी गहरे पानी में चली गईं। उन्हें बचाने की कोशिश में बाकी चार किशोरियां भी डूब गईं।
दर्दनाक दृश्य: एक ही घर में पहुंची छह बेटियों की लाशें
इनमें मुस्कान की शादी देवोत्थान (1 नवंबर) को तय थी। परिवार शादी की तैयारियों में जुटा था। अब जिस आंगन में बारात आनी थी, वहां एक साथ छह बेटियों की लाशें पहुंचीं। मां कांता और पिता सुरेश का रो-रोकर बुरा हाल है। दादा विजय सिंह ने बताया कि बेटियां हर रात ऑनलाइन शॉपिंग के लिए कपड़े पसंद कर रही थीं। बेटी की शादी का सपना अधूरा रह गया।
रेस्क्यू ऑपरेशन: ग्रामीणों और पुलिस की मदद से निकाले गए शव
जब किशोरियां डूबने लगीं तो दीपेश ने शोर मचाया। खेतों में काम कर रहे ग्रामीण मौके पर पहुंचे और कुछ तैराकों ने नदी में छलांग लगा दी। आधे घंटे की मशक्कत के बाद सभी को बाहर निकाला गया। पुलिस जीप से चार लड़कियों को एसएन इमरजेंसी पहुंचाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। दो लड़कियों की सांसें चल रही थीं, जिन्हें निजी अस्पताल ले जाया गया लेकिन दो घंटे बाद उनकी भी मौत हो गई।
पोस्टमार्टम पर असहमति, मुआवजे के लिए राजी हुए परिजन
परिजन पहले पोस्टमार्टम के लिए तैयार नहीं थे। नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल ने उन्हें समझाया कि पोस्टमार्टम के बिना मुआवजा मिलना मुश्किल होगा। समझाने के बाद परिजन राजी हुए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को ₹4 लाख मुआवजे की घोषणा की है।
प्रशासन सक्रिय, मुख्यमंत्री सचिवालय ने लिया संज्ञान
घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री सचिवालय लखनऊ से फोन आने लगे। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी, नगरायुक्त, पुलिस आयुक्त दीपक कुमार समेत कई आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। गंगा दशहरा को देखते हुए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है, लेकिन प्रशासन से लोगों ने घाटों पर स्थायी सुरक्षा इंतजाम और चेतावनी बोर्ड लगाने की मांग की है।
सावधानी ही बचाव: पुलिस और प्रशासन की अपील
पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने लोगों से अपील की है कि बिना सुरक्षा इंतजाम के नदी में न जाएं। तैराकी नहीं आने पर नदी में नहाना खतरनाक हो सकता है। प्रशासन ने घाटों पर बैरिकेडिंग और सुरक्षा बोर्ड लगाने की बात दोहराई है।