कदम रखते ही धंसने लगी जमीन.. चीखता रहा युवक, देखते ही देखते समां गया अंदर.. घंटों तड़पा ! फिर..

आगरा के कालिंदी विहार इलाके में दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। यहां 100 फुटा रोड पर एक युवक के पैर रखते ही सड़क अचानक 18 फीट तक धंस गई और वह मिट्टी में कमर तक दब गया। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों और पुलिस ने जेसीबी मंगवाकर कड़ी मशक्कत के बाद युवक को बाहर निकाला।

बारिश और भूमिगत नाले की क्षति ने किया हादसे का रास्ता तैयार

घटना सुबह करीब 9 बजे की है। लगातार बारिश के चलते कालिंदी विहार में आरबी डिग्री कॉलेज के पास निर्माणाधीन भूमिगत नाले में पानी भर गया था। पानी के दबाव से मिट्टी कटती रही और सड़क खोखली हो गई। इसी कारण हादसे वाले दिन गुलाब नगर निवासी गौरव के पैर रखते ही सड़क धंस गई। गौरव कालिंदी विहार के गणपति हॉस्पिटल में औषधालय सहायक हैं और अपनी शिफ्ट खत्म कर घर लौट रहे थे।

कमर तक मलबे में दबे गौरव की चीख से जमा हुई भीड़

गौरव जैसे ही सड़क पर पहुंचे, अचानक धंसी सड़क में समा गए। वह कमर तक मिट्टी और मलबे में दब गए। उनकी चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग और उनके दोस्त राहुल, दीपक, कपिल और तुषार मौके पर पहुंचे और तुरंत बचाव में जुट गए। भीड़ जमा हो गई लेकिन हालात गंभीर थे, क्योंकि गौरव खुद को बाहर निकालने में असमर्थ थे।

एक घंटे की रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मिली राहत

मौके पर पहुंची पुलिस ने हालात को समझते हुए तत्काल जेसीबी मंगवाई। एक घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद गौरव को सुरक्षित बाहर निकाला गया और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के अनुसार, उनकी हालत स्थिर है और खतरे से बाहर हैं।

1500 मीटर लंबा भूमिगत नाला बना खतरे की जड़

कालिंदी विहार में बना 1500 मीटर लंबा भूमिगत नाला पहले भी कई बार हादसों का कारण बन चुका है। बीते साल इसका एक हिस्सा ढह गया था, जिसके बाद 90 मीटर लंबाई में मरम्मत कराई गई थी। अब जो हिस्सा धंसा है वह उससे आगे का है। नगर निगम को पहले ही इस ओर ध्यान देना चाहिए था।

नगर निगम देगा पुनर्निर्माण को गति: जल्द शुरू होगा काम

नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने बताया कि जिस नाले का हिस्सा सोमवार को धंसा, वह अभी मरम्मत प्रक्रिया में नहीं था। इसे अब प्राथमिकता के आधार पर ठीक कराया जाएगा। पार्षद यशपाल सिंह ने कहा कि टेढ़ी बगिया से शाहदरा तक पूरा नाला दोबारा बनाया जाएगा। अब तक इस नाले में कई दुकानें, कारें और लोग भी समा चुके हैं।

दोस्ती का फर्ज निभाया: ‘जान भी दे सकते हैं’ बोले साथी

गौरव को बचाने में लगे उनके दोस्तों की बहादुरी भी इस हादसे की बड़ी खबर बनी। तुषार, कपिल और राहुल ने कहा कि जब तक गौरव बाहर नहीं आ गए, हमारी सांसें अटकी रहीं। वह बोले, “अगर जरूरत पड़ी तो दोस्ती के लिए जान भी दे सकते हैं।” इन दोस्तों की सूझबूझ और निडरता की हर ओर सराहना हो रही है।

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