तीसरी दुनिया पर यूपी पुलिस की खास नजर.. किन्नर गुरुओं ने भी दिया साथ, क्यों हो रही इस पहल की इतनी चर्चा ?

आगरा पुलिस ने एक ऐसी पहल की शुरुआत की है जो न सिर्फ इंसानियत की मिसाल है बल्कि समाज के एक अनदेखे हिस्से को सम्मान और हक दिलाने की कोशिश भी है। इस पहल के ज़रिए किन्नर समुदाय के लोगों की सही पहचान, उनकी समस्याएं और जरूरतों को समझने की कोशिश की जा रही है। पुलिस का यह कदम उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में बड़ा और अहम माना जा रहा है।
किन्नरों की सही पहचान के लिए डेटा तैयार
पिछले दो महीनों से आगरा पुलिस ने किन्नर समुदाय से जुड़ी जानकारी इकट्ठा करने का काम किया है। एडीसीपी पूनम सिरोही की अगुवाई में हुए इस सर्वे में कुल 98 किन्नरों की पहचान की गई है। इसका मकसद यह जानना है कि असली और नकली किन्नरों के बीच जो टकराव होते हैं, उन्हें कैसे रोका जा सकता है और सरकारी योजनाओं का सही लाभ किन लोगों को मिलना चाहिए।
कानून और अधिकारों की जानकारी दी गई
पुलिस ने एक जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किया जिसमें किन्नर समुदाय को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि 2019 में बना ट्रांसजेंडर प्रोटेक्शन एक्ट और 2020 में आए उसके नियम उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, पहचान पत्र और सरकारी मदद लेने का पूरा हक देते हैं। इस कार्यक्रम में किन्नर गुरुओं ने भी खुलकर अपनी बात रखी।
पुलिस और एनजीओ का साथ
इस पूरी प्रक्रिया में पुलिस के साथ कुछ सामाजिक संगठन और एनजीओ भी जुड़े रहे। उन्होंने समुदाय की जरूरतों को बेहतर तरीके से समझने में मदद की और यह सुनिश्चित किया कि हर किन्नर की बात सुनी जाए। इस सहयोग से किन्नर समुदाय को लगा कि उन्हें भी अब गंभीरता से लिया जा रहा है।
इतिहास और अब का कानून
ब्रिटिश राज में 1871 के ‘क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट’ में किन्नरों को अपराधी माना गया था। यह कानून भले ही 1952 में खत्म हो गया, लेकिन इसके असर आज भी दिखते हैं। हाल ही में कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक और कानून (पुलिस अधिनियम की धारा 36A) को रद्द किया जो किन्नरों के अधिकारों के खिलाफ था। यह फैसला समुदाय के लिए राहत लेकर आया है।
बदलाव की दिशा में उम्मीद की किरण
आगरा पुलिस की यह पहल दिखाती है कि अगर प्रशासन चाहे तो समाज में बदलाव लाया जा सकता है। यह कदम सिर्फ आगरा ही नहीं, बल्कि देश के दूसरे हिस्सों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है। उम्मीद है कि इससे किन्नर समुदाय को सम्मान, सुरक्षा और उनके हक मिलने का रास्ता और साफ होगा।