UP: DM-CMO का विवाद थमा नहीं.. अब CTO-शिक्षक भिड़ गए, मचा बवाल! जानें पूरा मामला और विवाद की जड़

आगरा में मुख्य कोषाधिकारी (CTO) और एक शिक्षक के बीच में तेजी से विवाद बढ़ा है, जो अब तक शासन स्तर पर पहुंच चुका है। यह विवाद न केवल प्रशासनिक व्यवस्था में तनाव पैदा कर रहा है, बल्कि सार्वजनिक और संगठनों की प्रतिक्रिया के कारण मुख्य सुर्खियां बन चुका है।
विवाद की शुरुआत: कौन-क्या आरोप लगा रहा है?
आगरा के मुख्य कोषाधिकारी रीता सचान के खिलाफ शिक्षक कृष्णकांत शर्मा पर अभद्र व्यवहार करने और सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगा । इस मामले में शिक्षक द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की बात सामने आई है, जबकि CTO ने पहले ही सभी साक्ष्य पुलिस को सौंप दिए हैं।
संगठनों की भूमिका: दो मोर्चे बन गए
वित्त एवं लेखा सेवा संघ: इस संघ ने CTO के समर्थन में आवाज उठाई और शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
शिक्षक समर्थन समूह: UTA (यूटा) अध्यक्ष कृष्णकांत शर्मा के समूह ने CTO पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं और इस पर भी जांच की माँग की है।
शासन तक मामला: क्या कदम उठाए गए?
उप्र के अपर मुख्य सचिव (वित्त) दीपक कुमार ने इस पूरे विवाद की गंभीरता को देखते हुए डीएम को निर्देश दिए हैं। उन्होंने छात्र द्वारा CTO के प्रति अभद्र व्यवहार की जांच एक उच्च-स्तरीय प्रशासनिक अधिकारी से कराने और 21 जुलाई, 2025 तक रिपोर्ट जमा कराने को कहा है।
क्यों बनी यह बड़ी खबर?
सरकारी अधिकारियों के बीच के विवादों में तेज राजनीति की भी परत ऊपर आ गई है।
CMO-DM विवाद (कानपुर) के बाद CTO-शिक्षक विवाद आगरा में प्रशासनिक जवाबदेही पर सवाल खड़े कर रहा है।
दोनों तरफ से संगठनों, सरकार और शिक्षक-समर्थकों का समर्थन है, जिसने मामले को और संवेदनशील बना दिया है।
प्रशासनिक तंत्र पर क्या असर?
यह विवाद दो मुख्य कारणों से महत्वपूर्ण है:
- संस्थागत जवाबदेही और पारदर्शिता: दोनों पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप से शासन प्रणाली की निर्भीक कार्रवाई की मांग हो रही है।
- सामाजिक व राजनीतिक दबाव: संघों तथा राजनीतिक समूहों ने इस मामले को राजनीतिक रूप दे दिया है, जिससे यह बैठकों और प्रशासनिक प्रक्रियाओं से बढ़कर हो गया।