कैसे किडनैपर की चिट्ठी में लिखे एक शब्द “बिटवा” से पुलिस ने धरा मासूम बच्चे का कातिल ? होश उड़ा देंगे हत्यारों के नाम !

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के फतेहाबाद कस्बे की विजय नगर कॉलोनी में रहने वाले कक्षा एक के छात्र अभय (8) के अपहरण और हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें एक जनसेवा केंद्र चलाने वाला दुकानदार और दूसरा उसी कॉलोनी में रहने वाला युवक है। पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

अपने ही निकले मासूम के कातिल

पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान कृष्णा उर्फ भजन लाल (निवासी गढ़ी साबराय, फतेहाबाद) और राहुल (विजय नगर कॉलोनी निवासी) के रूप में हुई है। कृष्णा कॉलोनी में जनसेवा केंद्र चलाता था और अभय के परिवार से उसकी रंजिश थी। राहुल, मासूम अभय के घर के सामने ही रहता था।

पहले की दोस्ती, फिर बना डाली साजिश

आरोपी कृष्णा ने कबूला कि उसने घटना से करीब दो महीने पहले ही छात्र अभय से दोस्ती बढ़ानी शुरू कर दी थी। रोजाना उसे टॉफी देता था, ताकि बच्चा भरोसा करने लगे। 30 अप्रैल को एक शादी समारोह के दौरान कृष्णा और राहुल ने अभय को पिता के पास ले जाने का बहाना किया और स्कूटी पर बैठाकर ले गए।

गला घोंटकर की हत्या, शव राजस्थान में दबाया

जब अभय ने रास्ते में चिल्लाना शुरू किया तो दोनों आरोपियों ने उसका गला घोंटकर हत्या कर दी। फिर शव को स्कूटी से राजस्थान के मनिया ले गए और वहां एक सुनसान जगह पर गड्ढा खोदकर दफना दिया। यह पूरी वारदात प्लानिंग के तहत अंजाम दी गई।

फिरौती की चिट्ठियों से हुआ पर्दाफाश

हत्या के बाद कृष्णा ने परिवार से फिरौती मांगने के लिए कई धमकी भरी चिट्ठियां भेजीं। एक चिट्ठी में कॉलोनी के बाहर दो हरी झंडियां लगाने को कहा गया।लेकिन मासूम अभय की किडनैपिंग और हत्या की गुत्थी उस समय सुलझी जब पुलिस ने आरोपी द्वारा भेजे गए फिरौती के पत्रों का गहराई से विश्लेषण किया। इन पत्रों में बार-बार “बिटवा” जैसे खास लोकल शब्दों का इस्तेमाल किया गया था, जो फतेहाबाद क्षेत्र की स्थानीय भाषा शैली से मेल खाते थे। इसके साथ ही पत्रों की हैंडराइटिंग और भाषा पर ध्यान देते हुए पुलिस ने कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और संदिग्धों की गतिविधियों को मिलाना शुरू किया।

शक की सुई जनसेवा केंद्र चलाने वाले कृष्णा उर्फ भजनलाल पर जाकर टिक गई। जब पुलिस ने पत्रों की भाषा और घटनास्थलों की लोकेशन को कृष्णा की मोबाइल लोकेशन से मिलाया, तो शक यकीन में बदल गया। यही एक छोटा लेकिन अहम शब्द — “बिटवा” — पुलिस को कातिल तक पहुंचाने की सबसे बड़ी कड़ी साबित हुआ।

“मेरा बिट्टू मुझे वापस कर दो” — मां की चीत्कार

जब पुलिस ने अभय के शव की बरामदगी की सूचना दी, तो विजय नगर कॉलोनी में मातम छा गया। अभय की मां शशि देवी बेटे की मौत की खबर सुनते ही बेसुध हो गईं। होश में आने के बाद वे बार-बार यही कह रही थीं, “मेरा बिट्टू मुझे वापस कर दो।”

पैसों के लालच में गई मासूम जान

मृतक के तहेरे भाई विनीत ने बताया कि उनके बाबा ने छह महीने पहले 35 लाख रुपये में एक ज़मीन बेची थी। इसकी जानकारी कृष्णा को थी। इसी लालच में वह फिरौती वसूलना चाहता था और मासूम की बलि ले ली।

पुलिस का ऐक्शन और अगला कदम

फतेहाबाद पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या, अपहरण और साजिश की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी रणविजय सिंह ने बताया कि दोनों आरोपियों को अदालत में पेश कर जेल भेजा जाएगा और केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की सिफारिश की जाएगी।

 

 

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