किसान नेता टिकैत की भावनात्मक अपील के बाद, सपा विधायक ने सरकार को दी ये चेतावनी

उत्तर प्रदेश, कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर 2 महीने से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों को भाजपा विधायकों एवं पुलिस प्रशासन द्वारा जबरदस्ती हटाने की बात नरेश टिकैत द्वारा कहने और उनके भावुक होने के बाद किसानों का गुस्सा फूट गया है तो वही अब ई स पर राजनीति भी शुरू हो गयी है।

किसानों के समर्थन में आये सपा विधायक नाहिद हसन ने बड़ा बयान देते हुए सरकार को चेतावनी दी है कि वह किसानों पर किए जा रहे अत्याचार बंद करे नही तो सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा और सरकार अपने कदम वापसी ले नही तो इसका परिणाम अच्छा नही होगा और वे किसान नेताओ और किसानों के साथ खड़े हैं।

हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा व उत्तर प्रदेश के किसानों का दिल्ली की सीमाओं पर लगातार 2 महीने से अधिक समय से शांतिपूर्ण आंदोलन चल रहा हैं।

किसान संगठनों व सरकार के बीच करीब 11 दौर की वार्ता विफल हो रही। जिसके बाद किसान संगठनों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालने की मांग की थी। वही 26 जनवरी को किसानों की ट्रेक्टर परेड के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने लाल किले पर तिरंगे झंडे से अलग अन्य झंडा फहराया दिया था।

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जिस कारण किसानों के आंदोलन को कमजोर करने की साजिश रची गई थी। जिसके बाद किसान आंदोलन से कुछ किसान संगठनों ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा कर दी। वहीं दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को भाजपा के दो विधायकों व उनके समर्थकों पर किसानों को पीटने व जबरदस्ती धरने को खत्म कराने के आरोप लगाए थे।

भाकियू नेता राकेश टिकैत ने न्यूज़ चैनलों पर रोते हुए बताता था कि भाजपा पार्टी किसानों के साथ अत्याचार कर रही है और उनके विधायक किसानों को मारना पीटना चाहते हैं। उनकी योजना बनी हुई हैं। जिसके बाद भाकियू नेता के गांव सिसौली में आपातकालीन एक महापंचायत आयोजित हुए। जिसमें आसपास के किसान शामिल हुए तथा सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर दिल्ली कूच करने का ऐलान कर दिया गया।

वहीं किसानों के साथ किए जा रहे अत्याचार के बाद कैराना से समाजवादी पार्टी के विधायक चौधरी नाहिद हसन का एक बड़ा बयान आया हैं। विधायक नाहिद हसन ने अपना बयान जारी कर कहा है भाजपा सरकार किसानों के साथ लगातार अत्याचार कर रही है।

कृषि कानून को रद्द कराने की मांग को लेकर कड़ाके की ठंड में किसान लगातार आंदोलन कर रहें हैं। इस दौरान करीब डेढ़ सौ से अधिक किसानों की मौत हो चुकी हैं, लेकिन सरकार किसानों की मांगें नहीं मान रही हैं।

अब एक योजना के तहत किसानों को सरकार परेशान कर रही हैं तथा जबरदस्ती आंदोलन खत्म कराना चाहती हैं। जो बहुत ही निन्दनीय है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और चितवनि दी है कि आने वाले समय में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। सपा विधायक ने कहा कि वें तन मन धन से किसानों के साथ खड़े हैं। जल्द ही सरकार तीनों कृषि कानून रद्द कर किसानों की मांगें माने।

 

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