सजा पाने के बाद राम रहीम बोला- जेल में वीडियो बनाने की इजाजत मिले, जज ने खारिज की मांग

चंडीगढ़. रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा पाने के बाद भी राम रहीम (Ram Rahim) ने कोर्ट में लगातार अजीबोगरीब मांगे की. इस दौरान उसने जेल में वीडियो संदेश (Video Message) बनाने की इजाजत मांगी. राम रहीम ने कहा कि वह बहुत बड़ा परोपकारी है। लाखों लोगों का नशा छुड़वा चुका है. इसलिए मुझे इजाजत दें कि जेल के अंदर ही अपने उपदेशों के वीडियो बनाकर अपने लाखों-करोड़ों भक्तों को परोपकार के संदेश दे सकूं. इस पर जज ने कहा कि मेरा काम इस मामले में आज तक था. कैदी राज्य का मसला होता है. जेल मैनुअल से गाइड होता है. इस बारे में कोई भी फैसला जेल अथॉरिटी या राज्य सरकार ही ले सकती है. इसके साथ ही जज ने मांग को खारिज कर दिया.

बता दें कि रणजीत सिंह हत्याकांड में सोमवार को पंचकला की विशेष सीबीआई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया. कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा के गुरमीत राम रहीम और 4 अन्य आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही राम रहीम पर 31 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. वहीं अन्य आरोपियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. गौरतलब है कि मामले में बीते मंगलवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुर‌क्षित रख लिया था और सजा के ऐलान के लिए 18 अक्टूबर का दिन तय किया गया था.

गौरतलब है कि कुरुक्षेत्र निवासी रंजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में 8 अक्टूबर को पंचकूला स्थित हरियाणा स्‍पेशल सीबीआई कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम, तत्कालीन डेरा प्रबंधक कृष्ण लाल, अवतार, जसबीर और सबदिल को दोषी करार दिया था. सीबीआई की स्‍पेशल कोर्ट में जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग ने करीब ढाई घंटे बहस के बाद आरोपियों को दोषी करार दिया था. वहीं, इससे पहले गुरमीत राम रहीम को साध्वियों से यौन शोषण के मामले में 20 साल की सजा हो चुकी है. इसके अलावा वह पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा है.

उल्लेखनीय है कि 10 जुलाई 2002 को डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे रणजीत सिंह की उस समय हत्या हुई थी, जब वह अपने घर से कुछ ही दूरी पर जीटी रोड के साथ लगते अपने खेतों में नौकरों को चाय पिलाकर वापस घर जा रहे थे. हत्यारों ने अपनी गाड़ी जीटी रोड पर खड़ी रखी और वे धीरे से खेत से आ रहे रणजीत सिंह के पास पहुंचे और काफी नजदीक से उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया था. गोलियां मारने के बाद हत्यारे फरार हो गए थे. हत्यारों में पंजाब पुलिस का कमांडो सबदिल सिंह, अवतार सिंह, इंद्रसेन और कृष्णलाल आरोपी थे.

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