लोजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद पशुपति कुमार पारस शाम 5 बजे PC करेंगे 

पटना. लोक जनशक्ति पार्टी का राजनीतिक विवाद एक नये मोड़ पर तब पहुंचेगा जब दिवंगत रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस को लोजपा को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के लिए मतदान होगा. नामांकन की प्रक्रिया के बाद अपराह्न 3 बजे के बाद पारस गुट की तरफ़ से लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा कर दी जाएगी. इस चुनाव प्रक्रिया को पूरी करने के लिए पारस गुट की तरफ़ से आज राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक लोजपा के कार्यकारी अध्यक्ष घोषित किए गए सूरजभान सिंह के आवास पर हो रही है. मिली जानकारी के अनुसार चुनावी प्रक्रिया पूरी होने के बाद पशुपति कुमार पारस शाम पांच बजे पटना स्थित लोजपा कार्यालय में एक प्रेस वार्ता भी करेंगे.

चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा ले रहे लोजपा सांसद चंदन सिंह ने कहा है की पार्टी के कार्यकर्ता नेतृत्व परिवर्तन चाह रहे थे और आज पशुपति पारस लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाएंगे. वहीं, लोजपा सांसद बीना देवी लोजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पहुंची और कहा कि पार्टी संविधान के हिसाब से हमलोग राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कर रहे हैं. वीणा देवी ने कहा कि चिराग पासवान संविधान के खिलाफ कार्य करने का आरोप हमलोगों पर लगा रहे हैं जबकि चिराग ने भी संविधान के खिलाफ जाकर पार्टी के सांसदों को निलंबित किया है. राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव के बाद अन्य बातों का खुलासा होगा.

बता दें कि अमूमन किसी पार्टी का संगठनात्मक चुनाव किस महिला पार्टी कार्यालय में ही करवाया जाता है, लेकिन लोजपा के अंदरूनी विवाद को देखते हुए पारस गुट की तरफ से बनाए गए चुनाव प्रभारी सूरजभान सिंह ने पटना के कंकड़बाग स्थित अपने आवास पर करवाने का फैसला किया है. पार्टी ने इसके पीछे की वजह कोरोना को बताया है. इसके पीछे पार्टी ने जो दलील दी है, उसमें कहा गया है कि कोरोना महामारी चल रही है, ऐसे में पार्टी कार्यकर्ताओं की भीड़ इकट्ठे ना हो, इसलिए चुनाव की प्रक्रिया अलग जगह आयोजित की गई है. अगर पार्टी कार्यालय में से आयोजित किया जाता तो राज्यभर से कार्यकर्ताओं की भीड़ वहां इकट्ठे हो जाती, जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा एक बार फिर बढ़ जाता.

गौरतलब है कि दिवंगत रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा में फूट हुई है और पार्टी चाचा भतीजे के बीच बंट गई है. पार्टी के छह सांसदों में पांच ने चिराग पासवान के खिलाफ हो गए हैं, तब से दोनों गुटों के कार्यकर्ता आक्रामक हैं. इस खेमे में पशुपति कुमार पारस के अलावा महबूब अली कैस, वीणा देवी, सूरजभान सिंह, चंदन सिंह और प्रिंस राज शामिल हैं. जबकि चिराग पासवान ने अभी भी लोजपा के अध्यक्ष पद का दावा नहीं छोड़ा है और कानूनी लड़ाई की बात कही है. इसी मसले पर दिल्ली से लेकर पटना तक कार्यकर्ता आमने सामने हैं. कहीं पोस्टर फाड़े जा रहे हैं. कहीं काली पट्टी बांधी जा रही है.

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