अब कहाँ जा रहे हैं अफगानी

एयरपोर्ट बंद हुआ तो पहाड़ों और रेतीले रास्तों से 1500 किमी पैदल चलकर तुर्की और ईरान भाग रहे हजारों लोग, इनमें गर्भवती महिलाएं भी शामिल

काबुल एयरपोर्ट से अमेरिकी सेना के जाने के बाद अफगानिस्तान से लोगों के पलायन का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। तालिबान की क्रूरता और उनकी खौफ की वजह से लोग किसी भी तरह देश छोड़ देना चाहते हैं। एयरपोर्ट बंद है, लेकिन लोगों के पैर नहीं।

ताजा मामला अफगानिस्तान से लगे पाकिस्तान, तुर्की और ईरान बॉर्डर का है। यह इलाका पहाड़ों और रेतीले रास्तों से होकर पड़ोसी देश की सीमाओं को छूता है। काबुल एयरपोर्ट पर तालिबानी लड़ाकों के कब्जे के बाद लोग इन्हीं रास्तों से इन मुल्कों में अपनी जान की दुहाई देकर शरण ले रहे हैं।

डेली मेल ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें हजारों की संख्या में महिलाएं (गर्भवती भी शामिल), बच्चे, बुजुर्ग और नौजवान इन रास्तों से तालिबान के साए से दूर जा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इस भीड़ में कई ऐसे लोग भी हैं, जो पैदल ही 1500 किलोमीटर पैदल चलकर तुर्की, ईरान और अफगानिस्तान भाग रहे हैं।

देखें, अफगानिस्तान से पलायन की वीभत्स तस्वीरें..
काबुल एयरपोर्ट पर तालिबान के लड़ाके मौजूद हैं और फ्लाइट ऑपरेशन बंद है।

अफगानिस्तान से भागकर हजारों लोग तुर्की और ईरान में शरण ले रहे हैं।

देश छोड़ने वालों में हजारों की संख्या में महिलाएं (गर्भवती भी शामिल), बच्चे, बुजुर्ग शामिल हैं।

अपडेट्स

तालिबान के कब्जे के बाद एयरपोर्ट को फिर से शुरू करने के लिए कतर का एक विमान बुधवार को काबुल एयरपोर्ट पर उतरा। इसमें कतर से आए तकनीकी टीम के लोग सवार थे। सूत्रों के मुताबिक, यह टीम एयरपोर्ट के संचालन में मदद करेगी। कतर ने बुधवार को तालिबान से आग्रह किया कि अफगानिस्तान छोड़ने के इच्छुक लोगों को सुरक्षित तरीके से निकलने दिया जाए।

तालिबान ने पंजशीर को घेरने का दावा किया
तालिबान ने एक सीनियर लीडर ने बुधवार को बताया कि उन्होने विरोध कर रहे अकेले प्रांत पंजशीर को घेर लिया है। तालिबान ने विद्रोही लड़ाको से समझौता करने को कहा है। मुजाहिदीन के पूर्व कमांडर के बेटे अहमद मसूद पंजशीर में तालिबान के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं। पंजशीर में अफगानों को एक रिकॉर्डेड स्पीच सुनाया गया। इसमें तालिबान के सीनियर लीडर अमीर खान मोटाकी ने विद्रोही लड़ाको से हथियार डालने की अपील की। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान का इस्लामी अमीरात सभी अफगानों का घर है।

तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों की वर्दी में विक्ट्री परेड की
तालिबानी लड़ाके बुधवार को लूटे गए अमेरिकी आर्मी के ट्रकों और हम्वी के साथ विक्ट्री परेड करते दिखाई दिए। उन्होंने अमेरिकी आर्मी का यूनिफार्म भी पहन रखा था। परेड मे ब्लैकहॉक लड़ाकू हेलीकॉप्टर भी शामिल थे। एक वीडियो में अफगानिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर कंधार के बाहर एक हाइवे पर तालीबानी झंडे लगे गाड़ियों का काफिला दिखाई दे रहा है। इस काफिले में 20 सालों की जंग के दौरान अमेरिका, नाटो और अफगान फोर्स के यूज किए गए ट्रक भी शामिल थे। यह परेड शहर के बाहरी इलाके आयनो मैना में भी हुई, जिसमें लड़ाके वाहनों के काफिलों के साथ दिखे।

नॉर्दन अलायंस का दावा- पंजशीर की जंग में हमने 350 तालिबानी लड़ाके मारे
पंजशीर में तालिबान और नॉर्दन अलायंस के बीच मंगलवार रात फिर जंग शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक तालिबान ने गोलबहार से पंजशीर को जोड़ने वाले पुल को उड़ा दिया है। भारी लड़ाई की वजह से पंजशीर को परवान प्रांत से जोड़ने वाली सड़क बंद हो गई है। तालिबान ने मुख्य रोड को कंटेनरों से बंद कर दिया है और शुतूल जिले पर अपना कब्जा कर लिया है। नॉर्दन अलायंस ने दावा किया है कि जंग में 350 से ज्यादा तालिबानी लड़ाके मारे गए हैं और भारी तादाद में हथियार और अमेरिकी गाड़ियों पर कब्जा कर लिया गया है।

कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है नॉर्दन अलायंस ने 40 से ज्यादा तालिबानियों को बंधक भी बना लिया है। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन तालिबान से जुड़े सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा जा रहा है कि पंजशीर में लड़ रहे मुजाहिदीन के लिए दुआ कीजिए। इस तरह की सोशल मीडिया पोस्ट से तालिबान की स्थिति कमजोर होने के संकेत मिल रहे हैं।

परवान प्रांत के जबाल सराज जिले, बगलान प्रांत के अंदराब जिले और खवाक पंजशीर में भी लड़ाई हुई है। तालिबानी पंजशीर घाटी में घुसने की कोशिश रहे हैं, लेकिन विद्रोही लड़ाके उन्हें रोकने में कामयाब रहे हैं। बीती रात करीब 11 बजे पंजशीर के मुहाने पर गोलबहार इलाके में लड़ाई हुई है। नॉर्दन अलायंस को इस वक्त अहमद मसूद लीड कर रहे हैं।

बाइडेन का दावा- अफगानिस्तान में बचे अमेरिकियों को वापस लेकर ही आएंगे

अमेरिकी सेनाओं की अफगानिस्तान से पूरी तरह वापसी के बाद US प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। बाइडेन ने अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकियों को वापस लाने का दावा किया और उन्होंने कहा कि अभी वहां पर करीब 100-200 अमेरिकी नागरिक फंसे हुए हैं। फौजों की वापसी के बाद इन फंसे हुए अमेरिकियों को लेकर बाइडेन की आलोचना की जा रही थी।

बाइडेन से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जो नागरिक फंसे हैं, उनके पास अफगानिस्तान की भी नागरिकता है। पहले इन लोगों ने अपने अफानिस्तानी मूल का हवाला देते हुए वहीं रुकने का फैसला किया था, पर अब वो वहां से निकलना चाहते हैं। अफगानिस्तान में जितने भी अमेरिकी थे और वापस आना चाहते थे, उनमें से 90% वापस आ चुके हैं। जो फंसे हुए हैं, उनके लिए कोई डेड लाइन नहीं हैं। हम उन्हें वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

भारत और तालिबान के बीच पहली औपचारिक बातचीत हुई

भारत और तालिबान के बीच मंगलवार को पहली औपचारिक बातचीत हुई। कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने तालिबान लीडर शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई से बातचीत की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मित्तल और शेर मोहम्मद के बीच यह मुलाकात तालिबान की पहल पर हुई है।

अब्बास तालिबान की पॉलिटिकल विंग का हेड है और भारत से उसका पुराना संबंध है। यह मुलाकात दोहा स्थित इंडियन एम्बेसी में हुई। एक बयान में यह जानकारी दी गई है। शेर मोहम्मद 1980 के दशक में भारत में रह चुका है। उसने देहरादून स्थित मिलिट्री एकेडमी में ट्रेनिंग ली है। वो अफगान मिलिट्री में रहा, लेकिन बाद में इसे छोड़कर तालिबान के साथ चला गया।

आतंकी संगठन ISIS-खुरासान पर हवाई हमलों की तैयारी में ब्रिटेन

ब्रिटेन ने कहा है कि वह ISIS-K के ठिकानों पर कभी भी हमला कर सकता है। हाल ही में पेंटागन ने खुलासा किया है कि अफगानिस्तान में इस समय करीब 2 हजार ISIS खुरासान के लड़ाके मौजूद हैं। ब्रिटेन के वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल सर माइक विग्सटन ने सोमवार को बताया कि ब्रिटेन ISIS-K के खिलाफ कार्रवाई में शामिल हो सकता है।

उन्होंने काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमले पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि इस दुख के समय में ब्रिटेन अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ खड़ा है। हम इस आतंकी संगठन के खात्मे के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन सरकार के अफसरों ने एयर स्ट्राइक के लिए लॉजिस्टिक्स की जांच की है।

उन्होनें रॉयल एयर फोर्स (RAF) के लड़ाकू विमान के टारगेट, रिफ्यूलिंग और बेस की स्थिति का मुआयना किया है। विग्सटन ने बताया कि हम स्ट्राइक के जरिए, सेना भेजकर या किसी देश के इक्विपमेंट का प्रयोग करके आतंकी संगठन पर हमला कर सकते हैं।

काबुल एयरपोर्ट पर रखे 73 एयरक्राफ्ट्स को खराब कर गई अमेरिकी सेना

अमेरिकी सेना ने सोमवार रात को अफगानिस्तान छोड़ दिया। उसके जाते ही तालिबान ने काबुल एयरपोर्ट पर कब्जा कर लिया। लेकिन यहां रखे विमानों को तालिबान कभी इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि अमेरिकी सेना इन विमानों को निष्क्रिय कर गई है।

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