मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर से एक हिर्दय विदारक मार्मिक कहानी सिर्फ कहानी ही नहीं सच्चाई भी

एक मां की कहानी एक विधवा पत्नी एक महिला की कहानी जिसने अपने सारे सुखों का त्याग करके अपने बच्चों को उच्च शिखर तक पहुंचाया जहां से उस पुत्र को अपनी मां कि उस त्याग का एक पल भी याद नहीं आई मां के बारे में हमारे धर्मों में ग्रंथों में लिखा है कि कृष्ण भगवान जब वृंदावन से मथुरा चले गए तो अपनी मां की याद मे काफी दुखी हुआ करते थे क्योंकि जो प्यार मां यशोदा से पाया था वह प्यार उन्हें मां देवकी से कभी नहीं मिला था

वही गोरखपुर में आज एक ऐसा दृश्य देखने को मिला कि एक वृद्ध मां जिनका नाम शोभा देवी पत्नी गिरजा शंकर निवासी ग्राम करौली जिला मऊ थाना दोहरीघाट जिनकी उम्र करीब 100 वर्ष तक नहीं नहीं थी गोरखपुर के नौसढ़ चौराहे पर अकेली खड़ी थी जहा नौसर चौकी की पुलिस ने उन्हें नौसड़ चौराहे पर जब बहुत देर तक खड़ा हुआ देखा तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें नौसढ़ चौकी पर लाकर उनका हालचाल उनका कुशलक्षेम पूछा पानी पिलाया उन्हें खाने के लिए पूछा गया वही जब यह सब कुछ बीत गया तो वृद्ध महिला ने रोते रोते हुए पुलिस कर्मियों को बताया कि 5 वर्ष से अपने परिवार से नाराज होकर अयोध्या में रहती थी और आज गोरखपुर चली आई क्योंकि उनके पति के बड़े भाई की बेटी ने उनको गोरखपुर बुलाया था मिलने के लिए हां उनके पति के बड़े भाई की बेटी तो जरूर आई उनसे मिली और उस वृद्ध महिला से मिलकर वह दिल्ली चली गई और उनके पति के बड़े भाई की बेटी ने यह भी कहा कि बहुत जल्द ही गोरखपुर आ कर आपको ले जाऊंगी इस दौरान उस वृद्ध महिला की आंखों से आंसू की अश्रु धारा बहती चली जा रही थी वही पुलिस वालों के द्वारा जब वृद्ध महिला से उनके घर के उनके परिवार के बारे में पूछा गया तो वह लाचार मां जिसके पास कुछ भी ना था बस कुछ दूरभाष यानी कि मोबाइल नंबर मिले तो नौसढ़ पुलिस ने उन नंबरों पर जब अपने सेल फोन से वृद्ध महिला के दिए गए नंबर पर कॉल किया गया तो वह नंबर जो उनकी पति बड़े भाई यानी जेट की बेटी का नंबर था जो गोरखपुर से उनसे मिलकर ट्रेन के माध्यम से दिल्ली जा रही थी उसने अपना नंबर स्विच ऑफ कर लिया वही वृद्ध महिला जो दिल में इस बात की उम्मीद लगा बैठी थी कि मेरा परिवार मेरा ना हुआ जिन्होंने मेरा ख्याल भी ना रखा पर मेरे पति के भाई की बेटी मुझे गोरखपुर मिलने आई और शायद वह मुझे लेकर अपने साथ जाएगी पर उसकी यह आशा निराशा मे उसके हृदय पर एक ऐसा वार कर दिया गया मानो जैसे सावन में वर्षा के दौरान बिजली गिर पड़े वहीं बिजली इस वृद्ध महिला के हृदय पर गिर पड़ी जब वह महिला अपने पति के भाई की बिटिया के इस आश्वासन पर टूट गई कि वह आएगी और आपको लेकर अपने साथ जाएगी सबसे बड़ा हृदय विदारक पहाड़ जो उस पर पर गिरा था वह ना सकी वह विचलित होकर मायूस होकर गोरखपुर के गिड़ा थाना अंतर्गत नौसढ़ चौराहे पर अपनी बदनूर बदकिस्मत बेहाल जिंदगी को कोसती जिंदगी की पटरी पर मायूस होकर खड़ी रही और फिर एक ऐसा भी मोड़ आया जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारों पंक्तियों के साथ गोरखपुर की नौसढ़ चौकी की पुलिस भगवान के अवतार रूपी सहयोगियों के रूप में नजर आई और उस महिला को जो पुलिस वालों की कुछ भी नहीं लगती बस इंसानियत के नाम का एक रिश्ता जो उस वृद्ध महिला की सहायता के लिए भेज दिया पुलिस वालों ने पानी पिलाया खाना भी खिलाया और एक लाचार मां का कुशल क्षेम भी पूछा !

वृद्ध महिला का पूरा भरा पूरा परिवार था जिस परिवार से वह वृद्ध महिला नाराज होकर अपना सब कुछ छोड़ कर किसी से सहायता किसी की प्रसन्नता वाली इंसानियत रूपी रिश्ता ढूंढने को निकल पड़ी थी जो उसके खुद के परिवार और बच्चों ने नहीं दिया पति के बड़े भाई की बेटी के रूप में उसे मिली थी पर वह भी उसे छोड़कर यह कह कर चली गई कि आऊंगी और आकर लेकर चली जाऊंगी आपको लाचार वृद्ध महिला को जिसकी उम्र 100 साल से कम ना रही है गोरखपुर की पुलिस के वर्तमान में उच्च वृद्ध महिला के उचित संरक्षण हेतु झरवा मंझरिया खाना रामगढ़ ताल स्थित आश्रम में भेज दिया गया है और उस वृद्ध महिला के परिवार से संपर्क करने का प्रयास पुलिस कर रही है!

गोरखपुर गिड़ा थाना अंतर्गत नौसढ़ चौकी इंचार्ज और सभी पुलिसकर्मियों को एक सलूट तो बनता है

पर कहीं ना कहीं घर देखा जाए तो हम सभी इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि मां के बिना एक महिला के बिना एक बहन की बिना एक पत्नी के बिना हमारा परिवार, हमारे व्यक्तिगत जीवन में क्या भूमिका निभाता हैं। इस बात पर कोई मतभेद नहीं है कि हमारा परिवार हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका एक महिला निभातति हैं। एक परिवार हमें भावनात्मक, सामाजिक, वित्तीय और अन्य सहायता प्रदान करता है।

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