महोबा में लाॅक-डाउन के दौर ने एक जिम ट्रेनर को बना दिया अपराधी

महोबा : लगभग दो महीने चलने वाले लाॅक डाउन ने गरीब तबके को न सिर्फ परेशान कर डाला बलकि दो जून की रोजी रोटी को भी मोहताज कर दिया। लाॅक डाउन की मार ऐसी पड़ी की सड़क पर चलते चलते 350 से अधिक लोगों को अपनी जांन गवानी पड़ी। किसी ने घर वापसी के लिए पैदल रूख इख्तियार किया तो किसी ने श्रमिक ट्रेंन का सहारा लेना मुनासिब समझा। इतना सब कुछ होने के बावजूद भी मध्यम वर्ग और प्रवासी कामगारों के हालाता न बदल सके। लाॅक डाउन खत्म होने के साथ ही उत्तर प्रदेश के महोबा जनपद से निकल कर सामने आई एक तस्वीर ने सभी को हिला कर रख दिया है। आवाम को हिला देने वाली इस तस्वीर में महोबा पुलिस को एक ऐसा अपराधी हांथ लगा है जिसे लाॅक-डाउन के बेबस हालातों ने अपराध की दुनिया में ढकेल दिया।

ये कोई कोरा वाक्या नही बलकि कड़वी हकीकत है। लाॅक डाउन की मार न सिर्फ गरीब तबके पर पड़ी बलकि इस त्रासदी का शिकार मध्यम वर्गी परिवार भी बने हैं। उत्तर प्रदेश के महोबा जनपद में हाल ही में पुलिस के हत्थे चढ़े एक अपराधी की दांस्ता ने आवाम को स्तब्ध कर के रख दिया है। लाॅक डाउन के दौरान दो महीनों से ज्यादा वक़्त के लिए लगाई जाने वाली सरकारी पाबंदी का असर आम जिंदगी पर कैसा पड़ता है ये शायद पुलिस की गिरफ्त में आये इस अपराधी से बेहतर न तो कोई बयां कर सकता है और न ही कोई मेहसूस। लाॅक डाउन जैसे हालातों के बीच परिवार की जिम्मेदारी और दोस्तों की उधारी चुकाने जैसी स्थिति का सामना करना कितना कठिन होता है ये पुलिस की गिरफ्त में आए जावेद से बेहतर कोई नही बता सकता है।

आपकों बता दें की जनपद महोबा के चरखारी थानाक्षेत्र के गौराहरी निवासी जावेद को अभी हाल ही मे महोबा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है। नकली मॉब ऑयल बनाने और उसे बेचने के जुर्म में 28 वर्षीय जावेद को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पेशे से जावेद एक जिम ट्रेनर है जिसने लाॅक डाउन के चलते आर्थिक तंगी के आगें घुटने टेकते हुए अपराध की दुनिया को चुन लिया। इस पूरे मामले को लेकर जहाॅ पुलिस जावेद की गिरफतारी पर अपनी पीठ थप थपाती हुई नजर आती है वहीं पारिवारिक जिम्मेदारी और दोस्तों की उधारी चुकाने के चलते जावेद का जुर्म की दुनियां को चुन लेना जैसा वाक्या सरकार द्वारा की गई लाॅक डाउन जैसी घोषणा पर कई सवालिया निशां लगा रहा है। बेहद हताश और निराश जावेद की अगर माने तो उसने मजबूरी के चलते अपराध की दुनियां में कदम रखा है। लाॅक डाउन के पहले हालात दुरूस्त थे जिम से रोजी रोटी की भी जुगाड़ आराम से हो जाती थी लेकिन एकाएक लगाए जाने वाले लाॅक डाउन की वजह से उसे जिम को बंद करना पड़ा जिसकी वजह से दिन ब दिन उसकी हालत न सिर्फ खस्ता हो चली बलकि उसे दोस्तों से कर्जा लेने के लिए मजबूर भी होना पड़ा। घर की जिम्मेदारी चूकिं जावेद के ही कंघो पर निर्भर थी ऐसी हालत में अपराध का रास्ता चुनने के अलावा उसके पास न तो कोई विकल्प था और न ही कोई दूसरा रास्ता।

आपको बता दें इससे पूर्व न तो जावेद के ऊपर कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज है और न ही पुलिस के पास कभी कोई शिकायत जावेद के खिलाफ आई है। हाल फिलहाल नकली मोबीआयल बनाने के जुर्म में जावेद की गिरफतारी महोबा द्वारा की जा चुकी है तो वहीं लाॅक डाउन के चलते इस नवयुवक का अपराध की दुनियां में कदम रखना सरकारी लाॅक डाउन नीतियों पर कई सवालिया निशां लगा रहा है।

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