फर्रुखाबाद: एक दर्जन गांव वायरल बुखार की चपेट में, अब तक 9 की मौत, 400 बीमार

फर्रुखाबाद. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फर्रुखाबाद (Farrukhabad) जिले में अभी तक कोरोना के कारण लोग भयभीत थे. लेकिन बदलते मौसम में गांव में फैली गंदगी के कारण मच्छर जनित बीमारियां (Viral Fever) पनप रही हैं. जहानगंज थाना क्षेत्र में करीब एक दर्जन गांव में बुखार से पीड़ित लोगों की भरमार है. शायद ही ऐसा कोई घर हो जहां घर में मरीज बुखार से पीड़ित नहीं है. सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं न मिलने से ग्रामीण गांव में ही झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने को मजबूर हैं. झोलाछाप डॉक्टर जांच केंद्रों पर डेंगू बताकर मरीजों में खौफ पैदा कर उनकी जेब खाली कर रहे हैं. उधर सरकारी स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी को गंभीरता से नहीं ले रहा है. ग्राम पतोंजा में मजरा कोठी में भीषण गंदगी के कारण पहले बुखार से चार लोगों की मौत हो गई थी. गांव पहुंची स्वास्थ्य टीम ने खानापूर्ति कर पल्ला झाड़ लिया.

ग्राम में फैली गन्दगी और हर घर में बीमार होने से ग्रामीण हालात बेहद ही दयनीय थे. ग्राम के बीचों बीच मौजूद तालाब में मच्छरों का अम्बार लगा होने के साथ बूढ़े बच्चे बेहद ही परेशान दिखे. हालात यह हैं कि ग्रामीण अब इलाज के लिए जमीन, मकान बेचने और गिरवी रखने के लिए मजबूर है. जहानगंज थाना क्षेत्र के गांव जरारी में पिछले दिनों से बुखार के चलते 4 और गांव कोठी में 4  लोगों की मौत हो चुकी है. गांव वाहिदपुर में भी लोग बुखार की चपेट में हैं. 400 से ज्यादा लोग बुखार से गिरे हैं. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते बुखार के केस बढ़ते जा रहे है.

12 दिनों से फैला है बुखार
ग्रामीणों के मुताबिक स्वास्थ्य टीम ने गांव पहुंचकर खानापूर्ति की है. जहानगंज थाना क्षेत्र के मूसाखिरिया गांव में करीब 12 दिनों से बुखार फैला हुआ है. गांव के करीब 400 से अधिक लोग बुखार से पीड़ित हैं. यहां लोग कस्बा व गांव में ही इलाज करा रहे हैं. वहीं कुछ लोग फर्रुखाबाद के निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं. कई ग्रामीण तो घर पर ही झोलाछाप से दवा लेकर काम चला रहे हैं. कोठी गांव की दो ग्राम पंचायतों के बीच में आता है. आधा गांव पतोजा में लगता है और लक्ष्मण नगला की सीमा में आता है. जिस कारण गांव में साफ-सफाई की व्यवस्था भगवान भरोसे रहती है. बुखार फैलने के बाद दोनों ग्रामों के प्रधानों से सफाई के लिए कहा गया लेकिन आज तक कोई भी सफाई कर्मी यहां सफाई करने नहीं आया है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव के अधिकांश बुखार पीड़ित जिला मुख्यालय स्थित निजी चिकित्सालय में अपना इलाज करा रहे हैं.

अब तक 9 मौतों की पुष्टि
वहीं सीएमओ सतीश चंद्र ने बताया कि हम लोग खुद गांव में जाकर हालात का जायजा ले रहे हैं. करीब 10 गांव में हमारी स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगी हुई हैं. जबकि मै और डीएसओ खुद जरारी गांव में जाकर जांच की. ग्रामीण लोग भयभीत होकर जांच सैंपल देने को भी मना कर रहे हैं. अब तक 9 मौतों के पुष्टि हुई हैं. जिनमें तीन मलेरिया से तथा छह संदिग्ध में है. ज्यादातर मामले वायरल फीवर के हैं जो कि बदलते मौसम के कारण है. बुखार तो मलेरिया, डेंगू और टाइफाइड में भी आता है. लोग प्राइवेट हॉस्पिटल में जो इलाज करा रहे हैं. मैक्सिमम जो है टाइफाइड के मामले सामने आ रहे हैं.

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