एडीजी लॉ एण्ड आर्डर बोले, परिवार की सहमति से शव का किया गया अन्तिम संस्कार

लखनऊ। हाथरस मामले में परिजनों की रजामंदी के ​बिना अन्तिम संस्कार कराने के आरोपों पर अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि परिवार वालों की सहमति से और उनकी उपस्थिति में ही अंतिम संस्कार कराया गया है।

एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर ने कहा है कि शव का अंतिम संस्कार पुलिस ने जबरन नहीं किया है। जिला प्रशासन की ओर ट्वीट किया गया था कि शव का अन्तिम संस्कार परिवारवालों की मौजूदगी और उनकी सहमति से किया गया। हालांकि कुछ महिलाओं ने इसका विरोध किया था। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पुलिस बल मौजूद थी।

उन्होंने कहा कि पीड़ित युवती की मौत मंगलवार को दिल्ली के अस्पताल में इलाज के दौरान हुई थी। पोस्टमार्टम के बाद देर रात को शव गांव लाया गया था। शव की स्थिति खराब हो रही थी, इसी बात का ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रशासन ने परिवार की सहमति से शव का अन्तिम संस्कार किया।

एडीजी ने यह भी कहा कि जो लोग शव का अन्तिम संस्कार करने में किसी तरह की जोर जबर्दस्ती का आरोप लगा रहे हैं तो इस मामले की जांच कर रही एसआईटी की टीम पीड़ित परिवार के बयान लेगी और जांच करेगी।

मजिस्ट्रेट की बातों पर भरोसा करना चाहिए
एडीजी ने कहा कि इस मामले में पारदर्शिता रहे इसी कारण एसआईटी टीम का गठन हुआ है। जब मजिस्ट्रेट ने कहा है कि परिवार की सहमति से अन्तिम संस्कार किया गया है तो हमें इस पर भरोसा किया जाना चाहिए। जीभ काटने को लेकर एडीजी ने कहा कि पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है, रिपोर्ट आने के बाद इसे मीडिया के साथ साझा किया जाएगा। इसमें उन्होंने यह भी कहा है कि पीड़ित युवती को सफदरजंग अस्पताल शिफ्ट किया जा रहा था तो वहां से मिली मेडिकल रिपोर्ट में ऐसी किसी बात का कोई जिक्र नहीं किया गया था।

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