भाजपा नेता की शिकायत पर भिड़ गए शिक्षक-अधिकारी, कहा – “जूता मरूंगा”, जवाब आया – “गोली मर दो”

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में बुधवार को शिक्षा विभाग की गरिमा उस वक्त तार-तार हो गई जब जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) कार्यालय के बाहर एक शिक्षक और लिपिक (अकाउंटेंट) के बीच खुलेआम झगड़ा हो गया। दोनों के बीच पहले जमकर कहासुनी हुई और फिर मामला धक्का-मुक्की और गाली-गलौज तक पहुंच गया। पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिस पर अब शिक्षा विभाग में भी हलचल मची है।

कार्यालय में ही हुआ शिक्षक और लिपिक के बीच विवाद

घटना बुधवार की है जब एक शिक्षक किसी फाइल या भुगतान संबंधित काम से डीआईओएस कार्यालय पहुंचे थे। वहां तैनात एक लिपिक से बातचीत के दौरान पहले तीखी बहस हुई, जो धीरे-धीरे झगड़े में बदल गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को अपशब्द कहे और हाथापाई की नौबत तक आ गई। शिक्षक ने जूता मारने की बात कही तो लेखाधिकारी ने कहा गोली मार दो।

कैमरे में कैद हुई झड़प, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

इस झड़प का वीडियो वहां मौजूद एक व्यक्ति ने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया। वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि शिक्षक और लिपिक के बीच गाली-गलौज हो रही है, और वे एक-दूसरे की ओर उग्रता से बढ़ रहे हैं। वीडियो के वायरल होते ही आम लोग और शिक्षा विभाग के कर्मचारी इस घटना से स्तब्ध हैं और सोशल मीडिया पर इसपर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

विभागीय अधिकारियों ने जताई नाराज़गी, जांच के आदेश

घटना के वायरल होने के बाद डीआईओएस कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह का असंयमित आचरण किसी भी सरकारी कार्यालय की गरिमा के विपरीत है और इसकी जांच की जाएगी। डीआईओएस ने साफ किया कि दोषियों के खिलाफ उचित विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, यह विवाद एक वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता की शिकायत से जुड़ा हुआ था, जिसके आधार पर वित्त नियंत्रक (गाथामिक), शिक्षा निदेशालय, लखनऊ ने जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) को निर्देश दिया था कि सभी संबंधित विद्यालयों के अभिलेखों का ऑडिट कराया जाए।

ऑडिट के नाम पर धन उगाही का आरोप

निर्देश मिलते ही DIOS कार्यालय की ओर से विभिन्न विद्यालयों का निरीक्षण शुरू कर दिया गया। लेकिन इसी दौरान कुछ विद्यालयों के प्रधानाचार्यों ने शिक्षक संघ से शिकायत की कि ऑडिट की प्रक्रिया के दौरान उनसे धन उगाही की जा रही है। इस आरोप ने पूरे मामले को और अधिक संवेदनशील बना दिया।

लेखाधिकारी ने वेतन बिल पास करने से किया इनकार

इस विवाद के चलते जब कुछ प्रधानाचार्य वेतन बिल पास कराने के लिए लेखाधिकारी के पास पहुंचे, तो उन्होंने स्पष्ट शब्दों में हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। उनका कहना था कि जब तक विद्यालयों का विधिवत ऑडिट नहीं होगा, तब तक वे कोई वेतन बिल पास नहीं करेंगे।

हालात बिगड़े, शिक्षक-लेखाकार आमने-सामने

ऑडिट और वेतन बिल को लेकर खींचतान के बीच माहौल बिगड़ता गया और अंततः शिक्षक और लेखाधिकारी के बीच कहासुनी व झड़प जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। इसका वीडियो वायरल हो चुका है, और अब पूरा मामला सोशल मीडिया से लेकर शिक्षा विभाग तक में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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