BJP विधायक ने 17 सालों से नहीं दिया घर का किराया, मकान मालिक पहुंचा कोर्ट.. जज ने कहा – “जल्दी खाली करो”

उत्तर प्रदेश के महोबा जनपद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदर विधायक राकेश गोस्वामी एक नए विवाद में घिर गए हैं। मामला उनके किराए पर लिए गए आवासीय भवन का है, जिसका वर्षों से किराया नहीं चुकाया गया। मकान मालिक ने जब न्यायालय का रुख किया, तो कोर्ट ने विधायक को एक महीने के भीतर मकान खाली करने और बकाया किराया अदा करने का आदेश दे दिया। इस निर्णय के बाद मामला राजनीतिक तूल पकड़ चुका है।

किराए पर लिया था मकान, फिर नहीं चुकाया किराया

शहर के गांधीनगर मोहल्ला स्थित जिस मकान में विधायक राकेश गोस्वामी रह रहे हैं, वह मुहाल मिल्कीपुरा निवासी श्याम सुंदर गुप्ता उर्फ गनेश का है। उन्होंने अदालत में दायर वाद में बताया कि पहले जनवरी 2006 में मकान के तीन कमरे 4,000 रुपये प्रति माह की दर से किराए पर दिए गए थे, जिसका भुगतान विधायक द्वारा किया गया। लेकिन जुलाई 2008 में पूरा मकान 13,000 रुपये प्रति माह की दर से किराए पर लिया गया और तब से आज तक किराया नहीं चुकाया गया। किराया में गृहकर, जलकर और बिजली बिल शामिल नहीं थे।

विधायक ने किया किराया जमा, लेकिन अदालत को गुमराह किया

वाद में यह भी कहा गया कि विधायक गोस्वामी ने सिविल जज जूनियर डिवीजन महोबा के समक्ष एक झूठे दावे के आधार पर केवल 1,000 रुपये प्रतिमाह की दर से किराया जमा किया, जबकि यह दावा उत्तर प्रदेश अर्बन बिल्डिंग कंट्रोल रेट एंड इविक्शन एक्ट के तहत लागू ही नहीं होता। भवन स्वामी ने यह भी आरोप लगाया कि किरायेदार ने पहले वादा किया था कि जब भी मकान मालिक कहेगा, वह मकान खाली कर देंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

कोर्ट का फैसला: एक माह में मकान खाली करें, बकाया चुकाएं

जनपद न्यायाधीश डॉ. विदुषी सिंह ने मामले की सुनवाई करते हुए विधायक को सख्त आदेश दिया कि वे एक माह के भीतर भवन स्वामी को कब्जा लौटाएं और जुलाई 2008 से अब तक का बकाया किराया 13,000 रुपये प्रति माह की दर से अदा करें। यह निर्णय न्यायपालिका की निष्पक्षता और अधिकारों की रक्षा की मिसाल के रूप में देखा जा रहा है।

भाजपा और विधायक को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा

इस फैसले के बाद भाजपा विधायक राकेश गोस्वामी के खिलाफ जनता का आक्रोश सामने आ रहा है। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें और उनकी पार्टी को जमकर ट्रोल कर रहे हैं। आम नागरिक सवाल उठा रहे हैं कि जब एक जनप्रतिनिधि ही किराया देने में कोताही बरतेगा तो आम लोग क्या उम्मीद करें।

विपक्ष ने साधा निशाना, बताया ‘भाजपा की असली मानसिकता’

मामले पर विपक्षी दलों ने भी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है। विपक्षी नेताओं ने इस घटना को भाजपा नेताओं की “मानसिकता और व्यवहार” का उदाहरण बताते हुए कहा कि ये वही लोग हैं जो नैतिकता की बातें करते हैं लेकिन खुद नियमों की अनदेखी करते हैं। कई नेताओं ने इसे ‘सत्ता का दुरुपयोग’ करार दिया।

विधायक से संपर्क नहीं हो सका

इस मामले में जब सदर विधायक राकेश गोस्वामी से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नहीं हो सका। उनके कार्यालय या किसी प्रतिनिधि ने भी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

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