राहुल गांधी के ‘एटम बम’ वाले बयान पर EC का चौंकाने वाला जवाब, लग गई आरोपों की झड़ी..

लोकसभा में मानसून सत्र के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और चुनाव आयोग (EC) के बीच तनातनी चरम पर पहुंच गई है। राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं और धमकी भरे लहजे में चेतावनी दी है, जिसके बाद चुनाव आयोग ने औपचारिक प्रतिक्रिया जारी कर उनके बयान को “बिना आधार” और “लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने वाला” बताया।

“हमारे पास एटम बम है, चुनाव आयोग बचेगा नहीं”

शुक्रवार को संसद से बाहर मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी कराने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा:

“चुनाव आयोग वोटों की चोरी करा रहा है। हमारे पास एटम बम है। जब फटेगा तो चुनाव आयोग बचेगा नहीं। जो लोग वोट चुराने का काम कर रहे हैं, उन्हें हम छोड़ेंगे नहीं। आप हिंदुस्तान के खिलाफ काम कर रहे हैं, यह देशद्रोह है। चाहे आप रिटायर क्यों न हो जाएं, हम आपको ढूंढ निकालेंगे।”

राहुल का यह बयान पिछले 9 दिनों में दूसरी बार चुनाव आयोग के खिलाफ धमकी देने वाला है। इससे पहले 24 जुलाई को भी उन्होंने कहा था:

“अगर आपको लगता है कि आप इससे बच निकलेंगे, तो यह आपकी गलतफहमी है। हम आपको बच के जाने नहीं देंगे।”

चुनाव आयोग की तीखी प्रतिक्रिया: “बेसलेस और वाइल्ड आरोप”

राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि राहुल के आरोप “तथ्यविहीन” और “दैनिक रूप से लगाए जा रहे आरोपों की तरह एक और प्रयास” हैं। आयोग ने अपने चुनाव अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे पारदर्शिता के साथ कार्य करते रहें और इन बयानों को गंभीरता से न लें।

चुनाव आयोग का 5-पॉइंट स्पष्टीकरण

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के बयान पर विस्तार से प्रतिक्रिया दी और एक पांच बिंदुओं वाला बयान जारी किया:

  • 12 जून 2025 को राहुल गांधी को मेल और पत्र दोनों भेजे गए, लेकिन उनकी ओर से कोई औपचारिक जवाब नहीं आया।
  • राहुल गांधी ने अब तक चुनाव आयोग को कोई औपचारिक शिकायत या संचार नहीं भेजा है।
  • आयोग ने उनके अभियान को “अविश्वसनीय और भ्रामक” करार दिया।
  • उनके आरोपों को “वाइल्ड” और “अनाधिकारिक” बताया गया।
  • चुनाव आयोग ने कहा कि इस तरह के बयानों से लोकतंत्र और संस्थागत भरोसे को कमजोर करने की कोशिश हो रही है।

राहुल के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया संभव

राहुल गांधी के इस बयान और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया से देश की राजनीति में एक बार फिर बहस छिड़ गई है। बीजेपी ने राहुल गांधी पर देश की संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करने का आरोप लगाया है। वहीं, कांग्रेस का दावा है कि विपक्ष को दबाने के लिए संवैधानिक संस्थाओं का इस्तेमाल हो रहा है।

लोकतंत्र बनाम संस्थागत टकराव?

राहुल गांधी की ‘एटम बम’ टिप्पणी और चुनाव आयोग की तीखी प्रतिक्रिया भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को लेकर गंभीर बहस खड़ी कर रही है। इस बयान के राजनीतिक, कानूनी और सामाजिक प्रभाव लंबे समय तक महसूस किए जा सकते हैं। अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या राहुल गांधी अपने आरोपों को सबूतों के साथ पेश करेंगे या यह टकराव और भी बढ़ेगा।

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