विधायक की कार से युवक की मौत, गाड़ी में बियर-शराब की बोतलें मिलीं, फिर भी FIR अज्ञात के खिलाफ !

उन्नाव-कानपुर हाईवे पर 30 जुलाई की रात एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें तेज रफ्तार महिंद्रा कार की टक्कर से एक युवक की मौत हो गई और दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसे के 24 घंटे बाद पुलिस जांच में यह सामने आया कि जिस कार से टक्कर हुई, वह अपना दल (एस) की घाटमपुर विधायक सरोज कुरील के नाम पर रजिस्टर्ड है। कार के अंदर विधानसभा पास, बीयर की कैन और सिगरेट मिलने से ड्रिंक एंड ड्राइव की आशंका जताई जा रही है।

40 फीट नीचे गिरा युवक, मौके पर ही मौत

इस हादसे में मरने वाले युवक की पहचान मोहिनी बाग सिविल लाइन निवासी आशु गुप्ता (32) के रूप में हुई है। वह अपने दोस्त रोहित तनेजा (32) के साथ बाइक से जा रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एसपी ऑफिस के पास कचहरी पुल पर तेज रफ्तार कार ने बाइक को जोरदार टक्कर मारी, जिससे आशु पुल की रेलिंग से टकरा कर करीब 40 फीट नीचे जा गिरा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। रोहित पुल पर ही गिरा और गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे कानपुर के हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

कार से विधायक का पास और शराब की बोतल मिली

हादसे के बाद मौके पर मौजूद लोगों ने दुर्घटनाग्रस्त कार को रोक लिया, लेकिन उसमें बैठे दोनों युवक मौके से भाग निकले। पुलिस ने कार की तलाशी ली, जिसमें बीयर की कैन, शराब की बोतल और सिगरेट बरामद हुई। साथ ही कार पर लगा विधानसभा पास और वाहन का पंजीकरण घाटमपुर से अपना दल की विधायक सरोज कुरील के नाम पर दर्ज पाया गया। इससे यह संदेह और गहरा गया कि घटना के वक्त कार में मौजूद युवक नशे में थे।

पुलिस ने FIR दर्ज की, अज्ञात चालक की तलाश जारी

घटना की जानकारी मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ को शांत करते हुए शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। कोतवाली प्रभारी अवनीश सिंह ने बताया कि कार में मौजूद युवक अभी फरार हैं और सीसीटीवी फुटेज के जरिए उनकी पहचान करने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल अज्ञात चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।

विधायक सरोज कुरील ने हादसे को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

हादसे के बाद विधायक सरोज कुरील ने बयान जारी करते हुए कहा, “कल रात उन्नाव में एक सड़क दुर्घटना हुई, जिसमें एक युवक की मृत्यु हो गई। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह दुर्घटना मेरी कार से हुई। मैंने अपनी मां की दवा लाने के लिए ड्राइवर को भेजा था। मैं पीड़ित परिवार के साथ हूं और कानून का पूरा सहयोग करूंगी।”

विधायक की कार, लेकिन FIR अज्ञात पर

सवाल यह भी उठ रहा है कि जब कार पर विधानसभा पास और पंजीकरण साफ तौर पर विधायक के नाम पर है, तो पुलिस ने “अज्ञात चालक” के खिलाफ मामला क्यों दर्ज किया? क्या विधायक के रसूख के चलते कार्रवाई की रफ्तार धीमी की जा रही है? ये सवाल अब सोशल मीडिया और जनमानस में चर्चा का विषय बन गए हैं।

एक जान गई, लेकिन जवाबदेही अभी अधूरी

यह मामला सिर्फ एक सड़क हादसा नहीं, बल्कि सत्ता से जुड़े लोगों की जवाबदेही और कानून की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े करता है। अगर सच में कार में बैठे लोग नशे में थे, और विधायक की कार का इस्तेमाल कर रहे थे, तो पुलिस को फौरन नामजद एफआईआर दर्ज करनी चाहिए थी। अब देखना है कि जांच कितनी निष्पक्ष होती है और पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाता है या नहीं।

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