Video: सच हुई ‘जापानी बाबा वेंगा’ की भविष्यवाणी, जुलाई में सुनामी.. देखें खौफनाक लहरों की तस्वीरें !

रूस के कामचटका प्रायद्वीप में 30 जुलाई की सुबह 8.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसके बाद जापान, अमेरिका और रूस में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई। लेकिन इस घटना ने सिर्फ भूगोल ही नहीं, भविष्यवाणी की दुनिया को भी हिला दिया।
इस आपदा से कुछ हफ्ते पहले ही जापान की मंगा आर्टिस्ट और भविष्यवक्ता रियो तात्सुकी ने जुलाई 2025 में बड़ी सुनामी की चेतावनी दी थी। अब जबकि 30 जुलाई को जापान के तटीय इलाकों में 16 स्थानों पर सुनामी की लहरें उठ रही हैं, तात्सुकी की चेतावनी एक बार फिर से सच साबित होती दिख रही है।
रूस के कामचटका में आया भीषण भूकंप
30 जुलाई की सुबह 4:00 बजे (भारतीय समयानुसार), रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका में 8.8 तीव्रता का भूकंप आया। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र नीकोल्स्कोए शहर से 155 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में था और इसकी गहराई 100 किलोमीटर मापी गई।
यह इलाका प्रशांत महासागर के ‘Ring of Fire’ यानी भूकंपीय रूप से अति सक्रिय क्षेत्र में आता है। इस भूकंप के बाद जापान, अमेरिका, रूस और आस-पास के द्वीपों में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई है।
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30 जुलाई को जापान के 16 तटीय इलाकों में सुनामी की लहरें
रूस में आए भूकंप के ठीक बाद, 30 जुलाई को जापान के 16 तटीय स्थानों पर सुनामी की लहरें उठीं, जिससे वहां इमरजेंसी अलर्ट और सायरन बजने लगे। कई शहरों में तटीय क्षेत्र खाली कराए जा रहे हैं। जापान की मौसम एजेंसी ने 3 मीटर तक ऊँची लहरों की आशंका जताई है।
जुलाई में सुनामी की चेतावनी पहले ही दे चुकी थीं रियो तात्सुकी
जुलाई में सुनामी की आशंका को लेकर पहले से ही चर्चा थी, क्योंकि जापान की भविष्यवक्ता और मंगा आर्टिस्ट रियो तात्सुकी ने 5 जुलाई या उसके आसपास बड़ी सुनामी की चेतावनी दी थी। उन्होंने ये भविष्यवाणी 2021 में प्रकाशित अपनी मंगा सीरीज़ ‘The Future I Saw’ में की थी।
तात्सुकी की सटीक भविष्यवाणियों के कारण उन्हें ‘जापानी बाबा वंगा’ कहा जाता है। बुल्गारिया की विश्वविख्यात भविष्यवक्ता बाबा वंगा की तरह ही रियो की कई पूर्ववाणियाँ पहले भी सच साबित हो चुकी हैं।
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छुट्टियाँ रद्द कर रहे थे लोग, अधिकारी कर रहे थे चेतावनी को नज़रअंदाज़
जब रियो तात्सुकी ने जुलाई में सुनामी आने की बात दोहराई, तो जापान जाने वाले पर्यटकों में घबराहट फैल गई। बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जापान यात्रा की योजना रद्द कर दी।
हालाँकि जापानी अधिकारियों ने उस समय यह कह कर तात्सुकी की चेतावनी को तवज्जो नहीं दी थी कि यह केवल अटकल है। लेकिन अब जब जापान के तटीय इलाकों में 30 जुलाई को सचमुच लहरें उठ रही हैं, तो तात्सुकी की बातों पर फिर से चर्चा तेज हो गई है।
भविष्यवाणियाँ और विज्ञान आमने-सामने
इस घटना ने एक बार फिर यह बहस खड़ी कर दी है कि क्या भविष्यवाणियाँ केवल संयोग हैं या उनमें कोई वैज्ञानिक आधार भी हो सकता है? जहाँ वैज्ञानिक इस भूकंप और सुनामी को भूगर्भीय प्रक्रियाओं का परिणाम मान रहे हैं, वहीं तात्सुकी के समर्थक इसे आध्यात्मिक चेतावनी मान रहे हैं।
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वैज्ञानिक चेतावनी: और झटके आ सकते हैं
भूकंप वैज्ञानिकों का कहना है कि इतने शक्तिशाली भूकंप के बाद आफ्टरशॉक्स की आशंका बनी रहती है। 6.0 से ऊपर के झटके अब भी आ सकते हैं, जो तटीय इलाकों में और नुकसान पहुँचा सकते हैं। अमेरिका और जापान की एजेंसियाँ लगातार लहरों की दिशा और ऊँचाई की निगरानी कर रही हैं।
भारत में कोई प्रभाव नहीं लेकिन निगरानी जारी
भारत के भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) ने स्पष्ट किया है कि भारत पर इसका कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन वैश्विक भूगर्भीय हलचल को देखते हुए मॉनिटरिंग बढ़ा दी गई है। हिंद महासागर क्षेत्र में भी हल्के कंपन रिकॉर्ड किए गए हैं।
विज्ञान और भविष्यवाणी दोनों सतर्कता की मांग करते हैं
जहाँ विज्ञान अपने उपकरणों से संभावनाएँ मापता है, वहीं कुछ भविष्यवक्ता अपने अनुभव और कथित दिव्यदृष्टि से भविष्य की चेतावनी देते हैं। इस बार विज्ञान और भविष्यवाणी दोनों ने संकेत दिए, और दोनों की बात को नज़रअंदाज़ करना भारी पड़ सकता है।
जापान और रूस जैसे देशों में स्थिति गंभीर बनी हुई है, और आने वाले दिन यह तय करेंगे कि यह प्राकृतिक आपदा कितनी बड़ी चुनौती बनती है।