महिला सांसद ने ऑपरेशन सिंदूर को बताया ‘मीडिया तमाशा’, फिर लोकसभा अध्यक्ष ने ले लिया बड़ा फैसला..

नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद प्रणिति शिंदे के बयान ने नया सियासी विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने इस सैन्य कार्रवाई को “मीडिया तमाशा” करार दिया, जिसे भाजपा ने राष्ट्रविरोधी बताया और सदन से हटवाने की मांग की। अंततः लोकसभा अध्यक्ष ने ‘तमाशा’ शब्द को सदन की कार्यवाही से हटा (Expunge) दिया।
ऑपरेशन सिंदूर को बताया ‘मीडिया तमाशा’
महाराष्ट्र से कांग्रेस सांसद प्रणिति शिंदे ने लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बोलते हुए सवाल किया कि:
“ऑपरेशन सिंदूर सरकार द्वारा किया गया मीडिया तमाशा था। इसमें क्या हासिल हुआ? कितने आतंकवादी मारे गए? कितनी भारतीय फौज को क्षति हुई? सरकार को जवाब देना चाहिए।”
यह बयान आते ही सत्ता पक्ष ने हंगामा खड़ा कर दिया और इसे भारतीय सेना का अपमान बताया।
क्या होता है Expunge और क्यों हटाए जाते हैं शब्द?
Expunge का अर्थ होता है — किसी टिप्पणी या शब्द को आधिकारिक रिकॉर्ड से हटा देना, ताकि वह भविष्य में संदर्भित या दोहराया न जा सके। संसद में यह प्रक्रिया तब अपनाई जाती है जब कोई शब्द अभद्र, असंवैधानिक या अस्वीकार्य मान लिया जाता है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने ‘तमाशा’ शब्द को इसी कारण लोकसभा की कार्यवाही से हटा दिया (Expunged)।
सरकार का पलटवार: ‘राष्ट्रविरोधी मानसिकता’
विपक्षी बयान के जवाब में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि:
“ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना की बहादुरी का प्रतीक है। इसे तमाशा कहना शर्मनाक है। यह टिप्पणी हमारी सेना का मनोबल गिराने की कोशिश है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि ऑपरेशन के दौरान 100 से अधिक आतंकवादियों का सफाया किया गया, और कोई भी भारतीय सैनिक शहीद नहीं हुआ।
विपक्ष के सवाल: पारदर्शिता और जवाबदेही कहां?
हालांकि कांग्रेस सांसद प्रणिति शिंदे ने अपने बयान में सरकार से पारदर्शिता की मांग की और कहा:
- ऑपरेशन की रणनीति और परिणामों को स्पष्ट किया जाए।
- देश को बताया जाए कि इस कार्रवाई का उद्देश्य क्या था और क्या प्राप्त हुआ।
- मीडिया को हथियार बनाकर जनभावनाओं के साथ खेलने से सरकार को बचना चाहिए।
सोशल मीडिया पर उठा तूफान
प्रणिति शिंदे का बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। भाजपा समर्थकों ने इसे देशविरोधी बयान कहा, वहीं कई विपक्षी समर्थकों ने इसे जवाबदेही की मांग के रूप में देखा।
जवाबदेही बनाम राष्ट्रवाद का नया टकराव
लोकसभा में हुए इस घटनाक्रम ने फिर एक बार सवाल खड़ा किया है — क्या सरकार की हर सैन्य कार्रवाई पर सवाल उठाना राष्ट्रविरोध है? या यह लोकतंत्र की जिम्मेदारी है कि हर नीति और ऑपरेशन पर जवाबदेही सुनिश्चित की जाए?
ऑपरेशन सिंदूर जैसे बड़े सुरक्षा अभियान में पारदर्शिता और जनहित की जानकारी देना सरकार की जिम्मेदारी है, वहीं विपक्ष को भी संवेदनशील मुद्दों पर शब्दों का चयन सावधानी से करना चाहिए।