“तुम्हारी सड़कें ‘Om Puri’.. हमारी Sridevi “, BJP विधायक के बयान से बवाल ! भावनाओं में बहकर ये क्या बोल दिया?

मध्य प्रदेश में सड़कों की खराब हालत पर सियासी जंग तेज हो गई है। पिचौरे से बीजेपी विधायक प्रीतम लोधी ने एक विवादास्पद बयान देकर नई बहस को जन्म दे दिया है। विधानसभा के बाहर मीडिया से बातचीत में लोधी ने सड़कों की तुलना दिवंगत अभिनेता ओम पुरी और अभिनेत्री श्रीदेवी से कर दी। इस टिप्पणी पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है, और इसे महिलाओं का अपमान करार दिया है।

ओम पुरी और श्रीदेवी जैसी सड़कें: विधायक का विवादित बयान

सोमवार को भोपाल विधानसभा के बाहर मीडिया से बात करते हुए विधायक प्रीतम लोधी ने कहा,

“दिग्विजय सिंह के समय में सड़कें ओम पुरी जैसी थीं, अब हमारी सरकार में श्रीदेवी जैसी हो गई हैं। लेकिन बारिश बहुत हो रही है, भगवान इंद्र से समझौता करना पड़ेगा।”

लोधी का यह बयान मानसून के दौरान खराब हो चुकी सड़कों को लेकर था, लेकिन अभिनेता और अभिनेत्री की शारीरिक बनावट के आधार पर तुलना करना न सिर्फ असंवेदनशील माना गया, बल्कि इसे महिलाओं का अपमान भी कहा गया।

ओला कैब से पहुंचे विधायक, बोले- मेरी नाव नहीं है

प्रेस से बातचीत के दौरान प्रीतम लोधी ने बताया कि वे अपनी गाड़ी से नहीं बल्कि ओला कैब से विधानसभा पहुंचे हैं। उन्होंने मजाकिया अंदाज़ में कहा,

“बारिश बहुत हो रही है, सड़कें वाटर पार्क बन गई हैं। मेरे पास नाव नहीं है और मैं तैरना भी नहीं जानता। छोटी कार थी, जो इन सड़कों पर नहीं चल पाई, इसलिए ओला कैब से आया हूं।”

विधायक के इस बयान में व्यंग्य जरूर था, लेकिन सड़कों की बदहाली को लेकर जनता की नाराज़गी इससे कम होती नहीं दिखी।

महिलाओं का अपमान और जनता का मज़ाक

विधायक लोधी के बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के उपनेता हेमंत कटारे ने इस बयान को बेहद शर्मनाक और आपत्तिजनक बताया। उन्होंने कहा,

“बीजेपी विधायक का यह बयान महिलाओं का अपमान है और जनता के दुख-दर्द का मज़ाक भी। यह दिखाता है कि बीजेपी सत्ता में आकर आम लोगों की समस्याओं से कितनी बेपरवाह हो गई है।”

हेमंत कटारे ने बीजेपी के मंत्री राकेश सिंह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उनका बयान—“जब तक सड़कें हैं, तब तक गड्ढे होंगे”—वास्तव में सत्ता का अहंकार दर्शाता है।

भाजपा पर लगातार हमलावर विपक्ष

विपक्ष ने बीजेपी को घेरते हुए यह भी कहा कि एक तरफ सरकार सशक्त महिला अभियान चलाती है, दूसरी तरफ उसके ही विधायक महिलाओं की तुलना सड़क की स्थिति से करते हैं। सोशल मीडिया पर भी इस बयान की आलोचना हो रही है और कई यूज़र्स ने इसे महिला विरोधी और अशालीन करार दिया है।

सड़कों से बड़ा मुद्दा बना बयान

मानसून के दौरान खराब सड़कों की समस्या पर बयान देने की बजाय बीजेपी विधायक की यह तुलना अब खुद पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है। विपक्ष इसे महिला सम्मान और आम जनता की पीड़ा से जोड़कर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है। देखना होगा कि पार्टी इस विवाद से कैसे निपटती है और क्या विधायक अपने बयान पर सफाई देते हैं।

 

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