BJP नेता बना हैवान ! साथियों के साथ मिलकर नाबालिग से गैंगरेप.. आटा चक्की में दरिंदगी

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर ज़िले से एक ऐसी शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसने न सिर्फ इंसानियत को झकझोर दिया है बल्कि सियासत के दोगले चेहरे को भी उजागर कर दिया है। बिंदकी तहसील की एक नाबालिग लड़की ने भाजपा नेता और उसके दो साथियों पर गैंगरेप का आरोप लगाया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए भाजपा ने आरोपी मनोज वर्मा को तत्काल पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
पार्टी ने जारी किया निष्कासन पत्र
भाजपा ने शनिवार को एक आधिकारिक पत्र जारी कर साफ किया कि मनोज वर्मा जैसे व्यक्ति की पार्टी में कोई जगह नहीं है। पत्र में लिखा गया है कि,
“पूर्व शक्ति केंद्र संयोजक मनोज वर्मा की घिनौने काम में संलिप्तता पाई गई है। जो कि समाज और पार्टी के लिए सही नहीं है। भाजपा मनोज वर्मा को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित करती है।”
बताया गया कि मनोज वर्मा वर्तमान में मलवां मंडल की कार्यकारिणी का सदस्य था।
आटा चक्की से गैंगरेप तक का खौफनाक सफर
घटना 24 जुलाई की शाम की है। पीड़िता की मां ने बताया कि उनकी बेटी शाम को पास की आटा चक्की पर गई थी। रास्ते में रमाकांत शुक्ला ने उसे बाइक पर बैठाया और बहाने से भाजपा नेता मनोज वर्मा की आटा चक्की तक ले गया।
आटा चक्की के ऊपर मनोज का घर है, जहां पहले से ही अश्वनी कुमार और मनोज वर्मा मौजूद थे। तीनों आरोपी नाबालिग को तीसरी मंज़िल पर ले गए और वहां उसके साथ गैंगरेप किया।
बेटी के देर तक न लौटने पर मां पहुंची
जब पीड़िता देर तक घर नहीं लौटी, तो उसकी मां और भाई उसे ढूंढते हुए आटा चक्की पहुंचे। वहां बेटी बदहवास हालत में मिली। तीनों आरोपियों ने उन्हें धमका कर वहां से भगा दिया। इसके बाद मां अपनी बेटी को लेकर सीधे थाने पहुंचीं और रिपोर्ट दर्ज करवाई।
पुलिस ने तुरंत पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया और 25 जुलाई को तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार हुए सभी आरोपी, अलग-अलग पेशे से जुड़े हैं
- मनोज वर्मा: भाजपा नेता और आटा चक्की का मालिक
- रमाकांत शुक्ला: एक ट्रैक्टर एजेंसी का एजेंट
- अश्वनी कुमार: पशु चिकित्सक, मूल निवासी कानपुर देहात, बिंदकी में किराए के मकान में रहता था
तीनों आरोपी एक-दूसरे के दोस्त हैं।
सख्त कार्रवाई होगी, कोई बच नहीं पाएगा
बिंदकी क्षेत्राधिकारी प्रगति यादव ने बताया कि,
“तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच जारी है और पीड़िता की हर संभव मदद की जाएगी। दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी।”
गौरतलब है कि पीड़िता पिता-विहीन परिवार से है। मां मेहनत-मजदूरी कर परिवार चला रही है और उसका एक भाई है।
महिला सुरक्षा और राजनीतिक ज़िम्मेदारी पर बड़ा सवाल
यह घटना केवल एक आपराधिक मामला नहीं, बल्कि राजनीतिक नैतिकता और समाज में बेटियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा करती है। राजनीतिक दलों को सिर्फ निष्कासन नहीं, ऐसे तत्वों की सक्रिय पहचान और रोकथाम की व्यवस्था भी करनी होगी।