BJP नेता की SDM से गुंडई ! पहले गाड़ी ठोकी, फिर गाली-गलौज और धमकाया.. अब पड़ गए ‘लेने के देने’

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में SDM के साथ की गई बदसलूकी का मामला सामने आया है, जिसने प्रशासनिक सुरक्षा और सियासी दखल के सवालों को एक बार फिर उजागर कर दिया है। गुरुवार रात पोटिया चौक पर SDM हितेश पिस्दा की कार को टक्कर मारने के बाद तीन युवकों ने खुद को BJP नेता बताते हुए न सिर्फ गाली-गलौज की, बल्कि धक्का-मुक्की तक पर उतर आए। मामले में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर 8 अगस्त तक जेल भेज दिया गया है।

SDM हितेश पिस्दा से की गई बदतमीजी

घटना 24 जुलाई की रात करीब 9 बजे पद्मनाभपुर थाना क्षेत्र के पोटिया चौक की है। SDM हितेश पिस्दा अपनी कार से जा रहे थे, तभी विपरीत दिशा से आ रही एक कार ने उनकी गाड़ी को जोरदार टक्कर मार दी। जब SDM ने इस पर विरोध जताया तो कार में सवार युवक उलझ पड़े और मारपीट पर उतर आए।

BJP नेता बताकर दी धमकी, गाली-गलौज और हाथापाई

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, युवकों ने खुद को बीजेपी और BJYM से जुड़ा हुआ बताया। आरोपियों ने न सिर्फ SDM के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, बल्कि शारीरिक धक्का-मुक्की भी की। इनमें एक आरोपी राकेश यादव को Bharatiya Janata Yuva Morcha (BJYM) का कार्यकर्ता बताया जा रहा है।

SDM ने तुरंत दी पुलिस को सूचना, आरोपी मौके से हुए फरार

घटना के बाद SDM हितेश पिस्दा ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी गश्ती दल के साथ मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक आरोपी फरार हो चुके थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी।

तीनों आरोपियों को किया गया गिरफ्तार, कोर्ट ने भेजा जेल

पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए कुछ ही घंटों में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की पहचान राकेश यादव (निवासी विद्युत नगर), विपिन चावड़ा और मनोज यादव के रूप में हुई है। तीनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 8 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

प्रशासनिक अधिकारियों की सुरक्षा पर फिर उठा सवाल

इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि प्रशासनिक पदों पर बैठे अधिकारियों की भी सुरक्षा पूरी तरह सुनिश्चित नहीं है। यदि एक राजपत्रित अधिकारी के साथ इस तरह की हरकत हो सकती है, तो आम नागरिकों की स्थिति क्या होगी?

त्वरित पुलिस कार्रवाई ने रोका विवाद, लेकिन चेतावनी है गहरी

हालांकि पुलिस की त्वरित कार्रवाई से मामला समय पर काबू में आ गया, लेकिन यह घटना प्रशासन और राजनीति के टकराव को उजागर करती है। सरकार और प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि कानून का पालन करने वाले अधिकारियों को राजनीतिक दबाव या गुंडागर्दी से सुरक्षा दी जा सके।

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