CM Yogi के जिले में रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी का अपहरण, 12 घंटे में पुलिस ने ‘जीरो पॉइंट’ पर दबोचा

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां शुक्रवार सुबह कुछ बदमाशों ने एक रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मचारी अशोक जायसवाल का अपहरण कर लिया। बदमाशों ने अशोक की डॉक्टर पत्नी को व्हाट्सएप कॉल कर 1 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी और धमकी दी कि अगर पैसे नहीं दिए तो उनके पति को जिंदा नहीं देख पाएंगी। लेकिन पुलिस की सक्रियता और रणनीति के चलते मात्र 12 घंटे में अपहरण की इस वारदात का पर्दाफाश कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया और अशोक को सकुशल बरामद कर लिया गया।

सुबह साइकिल से निकले थे अशोक जायसवाल

अशोक जायसवाल गोरखपुर के शाहपुर थाना क्षेत्र के पादरी बाजार स्थित जेल बाईपास के पास रहते हैं। वह रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मचारी हैं और उनके घर की दूसरी मंजिल पर उनका खुद का आयुष्मान हॉस्पिटल संचालित होता है। शुक्रवार सुबह लगभग 5:30 बजे वह रोज़ की तरह रेलवे स्टेडियम में टहलने और स्विमिंग के लिए साइकिल से निकले थे। लेकिन 9 बजे तक घर नहीं लौटे, जिससे पत्नी सुषमा जायसवाल चिंतित हो गईं।

व्हाट्सएप कॉल पर मांगी गई फिरौती

करीब 10:30 बजे सुषमा जायसवाल के मोबाइल पर व्हाट्सएप कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि तुम्हारे पति हमारे कब्जे में हैं। अगर उन्हें जिंदा देखना चाहती हो तो 1 करोड़ रुपए तैयार रखो। इसके बाद उन्होंने अशोक की खुद पत्नी से बात कराई। अशोक ने बताया कि उनका कुछ पुराना लेन-देन है, जिसके चलते ये लोग उन्हें उठा लाए हैं। इसके बाद कॉल कट कर दी गई।

पुलिस ने 6 टीमें बनाईं, 250 CCTV खंगाले

सुषमा जायसवाल ने शाहपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। एसपी सिटी अभिनव त्यागी के नेतृत्व में तुरंत 6 पुलिस टीमों का गठन किया गया। पुलिस ने अशोक जायसवाल के घर से लेकर रेलवे स्टेडियम तक के रूट में 250 CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली। साथ ही, जिस नंबर से कॉल आई थी उसे ट्रैकिंग पर लगा दिया गया।

घर की रेकी कर अंडरपास में दिया वारदात को अंजाम

पुलिस जांच में पता चला कि बदमाशों ने पहले से अंडरपास के पास घात लगाई थी, क्योंकि सुबह वहां आवाजाही कम रहती है। जब अशोक वहां पहुंचे, तो कार सवार बदमाशों ने उन्हें पिस्टल दिखाकर किडनैप कर लिया। कार में उनकी आंखों पर काली पट्टी बांध दी गई और उन्हें पूरी शहर में घुमाया गया, यहां तक कि वह अयोध्या तक भी गए।

पुलिस की योजना: पत्नी को बनाया माध्यम

शाम करीब 5 बजे फिर से बदमाशों ने सुषमा जायसवाल को कॉल किया। पुलिस ने योजना बनाई कि सुषमा बदमाशों से पैसे देने की बात करें और लोकेशन तय करवाएं। बदमाशों ने उन्हें कालेसर जीरो पॉइंट बुलाया। सुषमा पैसे लेकर वहां पहुंची और जैसे ही तीन बदमाश रुपए लेने आए, पुलिस ने उन्हें दबोच लिया और अशोक जायसवाल को सकुशल छुड़ा लिया।

गिरफ्तार आरोपी: दो के पैर टूटे भागते समय

पुलिस ने सिकरीगंज थाना क्षेत्र के गुड्डू उर्फ श्याम सुंदर, जनार्दन गौड़ और बेलघाट के करूणेश दूबे को मौके से गिरफ्तार किया। इन तीनों को पकड़ने के दौरान उन्होंने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें घेराबंदी कर पकड़ लिया। इस दौरान गुड्डू और करुणेश के पैर फ्रैक्चर हो गए। पुलिस ने घटना में इस्तेमाल की गई कार भी बरामद की है।

आरोपी कोई बेरोजगार नहीं, अच्छे बैकग्राउंड से

पुलिस के अनुसार, करूणेश दूबे प्रॉपर्टी डीलर है, जो कुछ दिन पहले फायरिंग के मामले में जेल जा चुका है। गुड्डू सेना की नौकरी की तैयारी कर रहा था और उसके पिता असम रायफल्स में कार्यरत थे, जिनका निधन हो चुका है। वहीं, जनार्दन मछली पकड़ने का काम करता है। पुलिस का कहना है कि करूणेश ने कलामुद्दीन नामक व्यक्ति के साथ मिलकर अपहरण की योजना बनाई थी। पुलिस अब कलामुद्दीन और 3 अन्य आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है।

पुलिस की सतर्कता और तकनीकी मदद से समय रहते हुआ खुलासा

एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने मीडिया को बताया कि सुषमा जायसवाल की सूचना पर तत्काल केस दर्ज कर, सर्विलांस और CCTV फुटेज की मदद से 12 घंटे के भीतर अपहरण का खुलासा किया गया।

समय पर सूचना और पुलिस की रणनीति ने बचाई जान

यह मामला न सिर्फ पुलिस की तत्परता और आधुनिक तकनीक के सफल उपयोग का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सामान्य नागरिकों की सतर्कता और साहस भी अपराधियों को नाकाम कर सकता है। यदि समय रहते सुषमा पुलिस को सूचना न देतीं और सहयोग न करतीं, तो शायद परिणाम अलग हो सकते थे।

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