कोई पूछे उन तीनों से — क्या नींद आई उस रात? बुजुर्ग अम्मा को सड़क पर फेंका, तड़पती रही रातभर, फिर मौत..

उत्तर प्रदेश के अयोध्या से मानवता को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। किशुन दासपुर मोहल्ले में एक बुजुर्ग महिला को उसके ही घरवाले बुधवार देर रात ई-रिक्शा से लाकर सड़क किनारे फेंक गए। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें तीन लोग — दो महिलाएं और एक पुरुष — बुजुर्ग महिला को सड़क पर लिटाते दिख रहे हैं। महिला की गर्दन पर जख्मों के निशान थे और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

रात 2 बजे छोड़ गए बुजुर्ग को

करीब 1 मिनट 22 सेकंड के वीडियो में देखा जा सकता है कि बुधवार रात करीब 2 बजे एक ई-रिक्शा किशुन दासपुर मोहल्ले में आता है। उसमें दो महिलाएं और एक पुरुष सवार हैं। पुरुष ने जींस और शर्ट पहन रखी है, एक महिला सूट और दूसरी महिला साड़ी में है। ये लोग बुजुर्ग महिला को सड़क किनारे लिटा देते हैं और चादर से ढंकते हैं। जाते वक्त एक महिला चादर हटाकर महिला का चेहरा देखती है। इसके बाद तीनों ऑटो में बैठकर चले जाते हैं।

सुबह तक पड़ी रही महिला

बुजुर्ग महिला पूरी रात वहीं पड़ी रही। गुरुवार सुबह राहगीरों ने जब महिला को सड़क किनारे बेसुध देखा, तो दर्शन नगर चौकी इंचार्ज जगन्नाथ मणि त्रिपाठी को सूचना दी गई। पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और महिला को राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। लेकिन गले में गंभीर घाव और अचेत अवस्था के कारण देर रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

गले में थे घाव और कीड़े

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सत्यजीत वर्मा ने बताया कि महिला को गुरुवार सुबह 10 बजे लाया गया था। वह पहले से अचेत अवस्था में थी। सर्जन द्वारा जांच में पाया गया कि महिला के गले में कई गांठें थीं, जिनमें कीड़े पड़ चुके थे। डॉक्टरों की टीम ने ड्रेसिंग कर महिला को बचाने की कोशिश की, लेकिन वह होश में नहीं आ सकी और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

पहचान के लिए फोटो थानों और गांवों में भेजी गई

कोतवाली प्रभारी मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि बुजुर्ग महिला की पहचान सुनिश्चित करने के लिए जिले के सभी ग्राम प्रधानों, पुलिस थानों और सामाजिक माध्यमों पर उसकी तस्वीरें भेजी गई हैं। आसपास के 100 से अधिक CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि महिला को लाने वालों की पहचान की जा सके। वहीं, शहर में पंपलेट और पोस्टर भी लगाए जा रहे हैं।

मानवता को शर्मसार करता वीडियो वायरल

इस अमानवीय कृत्य का वीडियो वायरल होने के बाद आम जनता में आक्रोश है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि कैसे कोई अपने ही परिजन को सड़क किनारे यूं छोड़ सकता है। बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार के मामलों में कानून पहले से सख्त है। वरिष्ठ नागरिक अधिनियम के तहत यदि कोई संतान अपने माता-पिता की देखरेख नहीं करती, तो कोर्ट उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए संपत्ति तक जब्त कर सकता है।

https://twitter.com/mktyaggi/status/1948404770013680088

परिवार का सबसे कमजोर सदस्य बना बोझ

इस हृदयविदारक घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जब अपने ही लोग बुजुर्गों को बेसहारा छोड़ देते हैं, तो फिर समाज की भूमिका क्या रह जाती है? यह केवल एक अपराध नहीं, बल्कि हमारी सामूहिक नैतिक विफलता का प्रतीक है। जरूरत है कि समाज, प्रशासन और परिजन सभी मिलकर बुजुर्गों की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करें।

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