अखिलेश यादव और कथावाचक विवाद में “सांसद प्रिया सरोज” की एंट्री, दिया ऐसा बयान.. हिल गए ‘अनिरुद्धाचार्य’ !

उत्तर प्रदेश की राजनीति और धार्मिक प्रवचनों की दुनिया में एक नया विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। वृंदावन के कथावाचक अनिरुद्धाचार्य और समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव के बीच चल रही बहस अब एक नए मोड़ पर पहुंच गई है। इस विवाद में अब सपा की युवा सांसद प्रिया सरोज ने भी खुलकर हस्तक्षेप किया है। प्रिया ने अनिरुद्धाचार्य के एक वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए सवाल उठाए हैं और उनके बयानों पर आपत्ति जताई है।

प्रिया सरोज का सवाल: यही सिखाते हैं प्रवचन में?

सपा सांसद प्रिया सरोज ने गुरुवार को X (पूर्व ट्विटर) पर कथावाचक अनिरुद्धाचार्य का एक वीडियो शेयर किया और लिखा,

“जब एक बाबा कृष्ण जी का नाम बताने में असफल हो जाता है, तो अपनी छवि सुधारने के लिए वह राष्ट्रीय अध्यक्ष (अखिलेश यादव) का नाम हिंदू-मुस्लिम से जोड़कर देश-प्रदेश का माहौल खराब कर देता है।”

इसके साथ ही उन्होंने पूछा कि क्या यही प्रवचन का उद्देश्य है? क्या इस तरह के बयानों से समाज में समरसता आएगी या टकराव बढ़ेगा? प्रिया सरोज का यह हस्तक्षेप बताता है कि यह विवाद अब केवल दो व्यक्तियों के बीच नहीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक विमर्श का विषय बन चुका है।

कृष्ण के पहले नाम पर शुरू हुआ विवाद

इस पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई जब एक पुराना वीडियो वायरल हुआ जिसमें अखिलेश यादव ने कथावाचक अनिरुद्धाचार्य से सवाल किया कि भगवान श्रीकृष्ण का पहला नाम क्या था — यानी जन्म के समय मां यशोदा ने उन्हें क्या नाम दिया था?

जब अनिरुद्धाचार्य इसका उत्तर “वासुदेव नंदन” कहते हैं, तो अखिलेश यादव अपनी टीम को वीडियो रिकॉर्ड करने का इशारा करते हैं। दोबारा सवाल पूछने पर भी कथावाचक स्पष्ट उत्तर नहीं देते और कहते हैं कि “उनके बहुत नाम हैं”। इस बात पर अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया वीडियो में साफ दिखती है।

वर्ण व्यवस्था को लेकर भी छिड़ी बहस

इसके बाद बातचीत का रुख वर्ण व्यवस्था की ओर मुड़ता है। अनिरुद्धाचार्य जब ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र का जिक्र करते हैं, तब अखिलेश यादव उन्हें टोकते हैं और कहते हैं,

“आइंदा किसी को शूद्र मत कहना।”

अखिलेश यादव यह भी कहते हुए सुनाई देते हैं कि

“चलिए, यहीं से हमारा और आपका रास्ता अलग होता है।”

यह बयान राजनीतिक और धार्मिक दोनों दृष्टियों से गंभीर माना गया।

अनिरुद्धाचार्य का जवाब: मुसलमानों से तो नहीं कहते ‘रास्ता अलग’

अखिलेश यादव के “हमारा और आपका रास्ता अलग” वाले बयान पर मंगलवार को अनिरुद्धाचार्य ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मैंने जो उत्तर दिया वह सच था, चाहे वह अखिलेश यादव को पसंद आए या नहीं।

उन्होंने आरोप लगाया कि

“वो मुसलमानों से नहीं कहते कि तुम्हारा रास्ता अलग है। बल्कि उनसे कहते हैं कि तुम्हारा और हमारा रास्ता एक ही है। अगर राजाओं (नेताओं) के मन में ही द्वेष है तो जनता का कल्याण कैसे होगा?”

ढाई साल पुराना है वीडियो, अब हो रहा है वायरल

अनिरुद्धाचार्य के पीआरओ अभिषेक ने जानकारी दी कि यह वीडियो लगभग ढाई साल पुराना है और 2023 के लोकसभा चुनाव से पहले आगरा एक्सप्रेस-वे पर रिकॉर्ड हुआ था। लेकिन अब यह वायरल हो रहा है, जिससे विवाद फिर से ताजा हो गया है।

राजनीतिक और धार्मिक विमर्श की टकराहट

यह पूरा प्रकरण यह दिखाता है कि किस तरह धार्मिक मंचों और राजनीतिक मंचों के बीच की सीमाएं धुंधली होती जा रही हैं। जब एक प्रवचनकर्ता और एक पूर्व मुख्यमंत्री के बीच संवाद इस स्तर तक पहुंचे कि सांसद को सोशल मीडिया पर उतरना पड़े, तब यह केवल विवाद नहीं, सामाजिक चेतना का विषय बन जाता है।

 

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