कैमरे पर इश्क लड़ाती कथित साध्वी की आई सफाई, अश्लील वीडियो हुआ वायरल.. बोलीं – “हम बाप-बेटी जैसे..”

अब अगर आप समझते हैं कि भगवा रंग सिर्फ त्याग और संयम का प्रतीक होता है, तो शायद आपको आजकल वायरल हो रहे वीडियो देखने की ज़रूरत है। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक साध्वी और बाबा का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें ‘बाप-बेटी’ जैसे पवित्र रिश्ते को नए आयाम देते देखा जा सकता है — और वो भी कैमरे के सामने, सार्वजनिक रूप से।
हर रोज़ की बात लगती है…
वीडियो में भगवा वस्त्र पहने बाबा और साध्वी जिस “आध्यात्मिक ऊर्जा” का आदान-प्रदान कर रहे हैं, उसमें एक तीसरी महिला कर्मचारी भी दिखाई दे रही है। उसकी उपस्थिति यह साबित करने के लिए काफी है कि इस तरह की संन्यासी क्रियाएं अब ऑफिस रूटीन का हिस्सा बन चुकी हैं।
जैसे कह रही हो:
“आज भी वही बाबा-साध्वी स्पेशल क्लास चल रही है क्या?”
सफाई का शंखनाद: “हम तो बाप-बेटी हैं!”
वीडियो के वायरल होते ही, साध्वी जी ने एक वीडियो जारी कर अपना ‘प्रवचननुमा’ स्पष्टीकरण दिया।
उनका कहना है कि—
“हमारे और बाबा के बीच बाप-बेटी जैसा रिश्ता है। वीडियो पुराना है। इसे एडिट कर ब्लैकमेल किया गया।”
इतना ही नहीं, वो बताती हैं कि उस ब्लैकमेलर को पुलिस ने पकड़ भी लिया था, लेकिन फिर उन्होंने माफ कर दिया, और ज़मानत भी दिलवा दी।
(संन्यास में दया भी होनी चाहिए ना?)
Bc safai bhi de rhi h pic.twitter.com/qLmhBJA6N5
— (r) (@kuchhbhi08) July 14, 2025
जनता को हजम नहीं हुई ‘बाप-बेटी की कथा’
सोशल मीडिया पर यह सफाई सुनते ही लोगों के कानों से धुआं निकल पड़ा। किसी ने लिखा:
“अगर ये बाप-बेटी का रिश्ता है, तो बाकी रिश्तों के लिए समाज को नया संविधान छापना पड़ेगा।”
एक यूज़र ने तो कमेंट कर दिया—
“बेटी बाप के कंधे पर बैठती है, ये तो बाप के गोद में ही बैठ गईं!”
नाम और ठिकाना अभी गुप्त… लेकिन वायरल ‘संस्कार’ पूरे देश में
अब तक इस साध्वी और बाबा का नाम और स्थान सामने नहीं आया है, लेकिन वीडियो की ‘शक्ति’ ऐसी है कि हर राज्य में इसके स्क्रीनशॉट्स संस्कारों की तरह फैल रहे हैं।
कोई उन्हें “कामसूत्र शाखा के प्रवक्ता” कह रहा है, तो कोई “ब्रह्मचर्य बायपास मंडली” का सदस्य।
प्रवचन कम, प्रैक्टिकल क्लास ज़्यादा
जब धर्म और देह का ये ‘संयोग’ होता है, तो देश को समझना चाहिए कि ये महज एक वीडियो नहीं, बल्कि संन्यास का नया पाठ्यक्रम है।
बाबा अब प्रवचन कम, प्रैक्टिकल क्लास ज़्यादा लेते हैं।