‘SEX’ के समय यह एक हरकत बन सकती है मौत का कारण, रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा.. महिला हुई लकवाग्रस्त !

प्रेम में दी गई एक “लव बाइट” यानी हिक्की को अक्सर प्यार जताने का तरीका माना जाता है, लेकिन मेडिकल साइंस अब इस पर चिंता जता रहा है। यह केवल एक निशान नहीं, बल्कि त्वचा के नीचे टूट चुकी रक्त वाहिकाओं (blood vessels) का प्रमाण होता है, जो कभी-कभी गंभीर बीमारियों और स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थिति का कारण बन सकता है।

क्या है हिक्की? जानिए विज्ञान क्या कहता है

हिक्की तब बनती है जब त्वचा को चूसने या दबाव देने से वहां की सूक्ष्म रक्त नलिकाएं (capillaries) फट जाती हैं और खून त्वचा के नीचे जम जाता है। यह निशान आमतौर पर लाल, नीला या बैंगनी होता है। मेडिकल भाषा में इसे एक्लिमोसिस, एरिथेमा, हेमेटोमा, पुरपुरा या पेटीचिया भी कहा जाता है।

लव बाइट से स्ट्रोक तक – क्या है असली खतरा?

डॉक्टरों के अनुसार, हिक्की से तीन गंभीर समस्याएं हो सकती हैं:

  • कैरोटिड साइनस सिंड्रोम: गर्दन की नसों पर दबाव से दिल की धड़कन और BP कम हो सकता है, जिससे चक्कर आ सकते हैं।
  • थक्का खिसकने का खतरा: यदि पहले से थक्का मौजूद हो और हिक्की की वजह से वह सिर की ओर खिसक जाए, तो यह ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
  • ब्लड वेसल रप्चर: ज़ोर से चूसने पर ब्लड वेसल की परत फट सकती है, जिससे खून बह सकता है और जानलेवा स्थिति बन सकती है।

जब हिक्की बन गई जानलेवा – विदेशों से केस स्टडी

  • 2011, न्यूजीलैंड: एक महिला को हिक्की के बाद लकवा मार गया। जांच में ब्रेन में ब्लड क्लॉट मिला।
  • डेनमार्क: 35 वर्षीय महिला को हिक्की के 12 घंटे बाद स्ट्रोक हुआ, जिससे शरीर का दाहिना हिस्सा सुन्न हो गया।

ये मामले यह साबित करते हैं कि हिक्की केवल इमोशनल निशान नहीं, बल्कि कभी-कभी जानलेवा भी हो सकता है।

लंबे समय तक रह जाए हिक्की तो सतर्क हो जाएं

यदि हिक्की:

  • बहुत दिनों तक नहीं जाए
  • दर्द या सूजन हो
  • गांठ बन जाए
  • शरीर पर कई जगह दिखे

…तो यह खून की बीमारी, थक्का बनने की समस्या या अन्य मेडिकल कंडीशन का संकेत हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।

हिक्की से कैसे पाएं राहत?

  • पहले 48 घंटे बर्फ से सिकाई करें (15 मिनट अंतराल पर)
  • फिर दिन में 4 बार गर्म सिकाई करें
  • एसिटामिनोफेन से दर्द कम करें
  • मेकअप, स्कार्फ, लॉन्ग नेक कपड़े से हिक्की को छिपाया जा सकता है

रंगों से पहचानें हिक्की का चरण

  • 1–2 दिन: लाल से नीला
  • 3–5 दिन: बैंगनी से हरा
  • 5–10 दिन: पीला या भूरा
  • 10–14 दिन: पूरी तरह हल्का

सामान्यतः हिक्की 2 हफ्ते में ठीक हो जाती है, लेकिन यदि नहीं, तो यह किसी सीरियस मेडिकल कंडीशन का संकेत हो सकता है।

जिम्मेदारी के साथ जताएं प्रेम

हिक्की को हल्के में न लें। यह भले ही प्यार का प्रतीक हो, लेकिन यदि सावधानी नहीं बरती गई तो यह स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि शरीर की संवेदनशील नसों, खासकर गर्दन पर दबाव डालना स्ट्रोक या अन्य जटिलताओं को जन्म दे सकता है।

❗ प्यार जताएं, लेकिन जिम्मेदारी के साथ – हेल्थ सबसे ऊपर है।

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