Plane Crash: CEO की सफाई – ‘न इंजन फेल हुआ, न मेंटेनेंस में चूक’, चौंकाने वाली रिपोर्ट आई सामने.. गलती किसकी ?

12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI171 हादसे का शिकार हो गई थी, जिसमें 260 लोगों की मौत हुई और सिर्फ एक यात्री जीवित बच पाया। अब इस दर्दनाक हादसे पर एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की शुरुआती रिपोर्ट सामने आई है, जिसने हादसे की वजहों को लेकर अहम जानकारी दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, विमान में किसी भी तरह की मैकेनिकल या मेंटेनेंस से जुड़ी कोई खामी नहीं पाई गई।

CEO कैंपबेल विल्सन ने दी प्रतिक्रिया, तकनीकी गड़बड़ी से किया इनकार

एअर इंडिया के सीईओ और एमडी कैंपबेल विल्सन ने इस रिपोर्ट पर अपना पहला आधिकारिक बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा कि, “विमान या इंजन में कोई तकनीकी या रखरखाव से जुड़ी खामी नहीं थी। सभी जरूरी मेंटेनेंस कार्य समय से पूरे किए गए थे। ईंधन की गुणवत्ता बिल्कुल ठीक थी और टेकऑफ रोल में कोई असामान्यता नहीं देखी गई।”

पायलटों की मेडिकल और अल्कोहल जांच रिपोर्ट भी सामान्य

विल्सन ने आगे बताया कि हादसे से पहले दोनों पायलटों की ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट रिपोर्ट भी सामान्य आई थी और उनकी मेडिकल स्थिति भी पूरी तरह सामान्य थी। इससे यह भी साफ होता है कि पायलटों की सेहत या किसी लापरवाही के कारण यह हादसा नहीं हुआ।

DGCA की निगरानी में सभी Boeing 787 विमानों की जांच

सीईओ ने बताया कि भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) की निगरानी में एअर इंडिया के सभी Boeing 787 विमानों की जांच करवाई गई है और उन्हें उड़ान के लिए सुरक्षित पाया गया है। उन्होंने कहा कि यह जांच अब भी जारी है और अभी तक किसी कारण या सिफारिश का उल्लेख नहीं किया गया है।

AAIB की रिपोर्ट में सामने आया चौंकाने वाला पहलू

प्रारंभिक रिपोर्ट में यह सामने आया है कि टेकऑफ प्रक्रिया पूरी तरह सामान्य थी और विमान ने जरूरी ऊंचाई भी हासिल कर ली थी। लेकिन अचानक दोनों इंजनों के फ्यूल कटऑफ स्विच ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ में चले गए, जिससे इंजन को ईंधन मिलना बंद हो गया और विमान क्रैश हो गया।

सीईओ की अपील- ‘समय से पहले न करें निष्कर्ष’

कैंपबेल विल्सन ने सभी कर्मचारियों और आम जनता से अपील की है कि अभी जांच प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है, इसलिए समय से पहले कोई निष्कर्ष न निकाला जाए। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट में न तो अभी तक कोई कारण बताया गया है और न ही कोई सिफारिश की गई है।

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