Viral Video: पुलिस की दबंगई ! टोल मांगा तो कांस्टेबल ने जड़ दिया थप्पड़! देखें पुलिस का असली चेहरा..

राजस्थान के जालोर जिले में भारतमाला टोल प्लाजा पर एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां टोल मांगने पर एक पुलिस कांस्टेबल ने कर्मचारी को थप्पड़ जड़ दिया। मामला सांगाणा स्थित टोल प्लाजा का है, जहां सायला थाना क्षेत्र में तैनात कांस्टेबल घेवरचंद ने टोल देने से इनकार करते हुए कर्मचारी से बदसलूकी की और उसे गल्ले से पकड़कर थप्पड़ मार दिया। यह पूरी घटना टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई।
जोधपुर से निजी गाड़ी में लौट रहे थे कांस्टेबल घेवरचंद
जानकारी के अनुसार, घटना 12 जुलाई दोपहर की है। कांस्टेबल घेवरचंद उस समय जोधपुर से एक निजी कार के जरिए सायला लौट रहे थे। जब वे सांगाणा टोल प्लाजा पर पहुंचे, तो टोल कर्मियों ने नियमानुसार उनसे शुल्क मांगा। निजी गाड़ी देखकर टोल मांगे जाने से कांस्टेबल नाराज हो गए और कार से उतरकर टोल बूथ पर मौजूद कर्मचारी से बहस करने लगे।
विवाद बढ़ा, फिर बरसीं थप्पड़ की गूंज
बहस इतनी बढ़ गई कि कांस्टेबल ने कर्मचारी को गल्ले से पकड़कर जोरदार थप्पड़ मार दिया। घटना के समय वहां मौजूद अन्य कर्मचारी व वाहन चालक भी हैरान रह गए। हालांकि टोल कर्मियों ने इस मामले को लेकर कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई, लेकिन टोल पर लगे सीसीटीवी कैमरे में पूरी घटना रिकॉर्ड हो गई, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
हिम्मत कैसी हुई सायला थाने के कांस्टेबल घेवरचंद से टोल मांगने की? शुक्र है कि सिर्फ गला दबाया। थप्पड़ मारा। जेल नहीं भेजा।
क्या निजी कार से भारतमाला पर सफर नहीं कर सकता? टोल तो आम आदमी पर ही लागू होता है।
📍सांगाणा (जालोर) pic.twitter.com/BcIl10gyH5— Arvind Sharma (@sarviind) July 13, 2025
एसपी ने तत्काल की कार्रवाई, कांस्टेबल लाइन हाजिर
घटना का वीडियो सामने आने के बाद जालोर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ज्ञानचंद्र यादव ने तत्काल कार्रवाई करते हुए कांस्टेबल घेवरचंद को लाइन हाजिर कर दिया।
सायला थानाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने पुष्टि करते हुए बताया कि वायरल वीडियो के आधार पर विभागीय जांच शुरू कर दी गई है और मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी।
नियमों की अनदेखी या पद का दुरुपयोग?
यह घटना पुलिस की कार्यशैली पर फिर सवाल खड़े करती है। एक ओर जहां आम जनता से टोल की वसूली अनिवार्य है, वहीं दूसरी ओर कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी निभाने वाले अधिकारी ही अगर नियम तोड़ें, तो सवाल उठना लाजमी है। सोशल मीडिया पर भी लोग इस घटना को लेकर पुलिस की छवि पर सवाल उठा रहे हैं।
राजस्थान के जालोर में घटित यह घटना न केवल एक कानून के रक्षक की अनुशासनहीनता को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि किसी भी पद पर रहते हुए नियमों का पालन सभी को करना चाहिए। अब देखना यह है कि जांच में क्या निष्कर्ष निकलता है और क्या कांस्टेबल घेवरचंद के खिलाफ और कोई विभागीय सख्त कार्रवाई होती है।