“हिंदी में बोलूं या मराठी में ?” PM मोदी ने 26/11 केस वाले वकील उज्ज्वल निकम को फोन कर कही ये बातें

देश के जाने-माने वरिष्ठ अधिवक्ता और विशेष लोक अभियोजक (Special Public Prosecutor) उज्ज्वल निकम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राज्यसभा के लिए नामित किया है। 26/11 मुंबई आतंकी हमले जैसे कई हाई-प्रोफाइल मामलों में अभियोजन पक्ष का नेतृत्व कर चुके निकम की नियुक्ति को न्यायपालिका और विधिक क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
पीएम मोदी ने मराठी में फोन कर दी जानकारी और शुभकामनाएं
उज्ज्वल निकम ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन करके दी। खास बात यह रही कि यह बातचीत मराठी भाषा में हुई। निकम ने मुस्कराते हुए बताया कि प्रधानमंत्री ने फोन पर उनसे पूछा, “मराठी में बात करें क्या?” इस पर दोनों हंस पड़े और फिर पूरी बातचीत मराठी में हुई। पीएम मोदी ने उन्हें बताया कि राष्ट्रपति उन्हें राज्यसभा की जिम्मेदारी देना चाहती हैं, जिस पर निकम ने खुशी-खुशी हामी भर दी।
निकम ने जताया आभार, बताया गौरव का क्षण
निकम ने इस नामांकन को व्यक्तिगत नहीं बल्कि देश की न्याय व्यवस्था का सम्मान बताया। उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और पार्टी नेतृत्व का आभार जताते हुए कहा कि यह गर्व और सम्मान का क्षण है। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि वे पूरी निष्ठा और ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे और संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करते हुए राष्ट्रहित में कार्य करेंगे।
चुनाव प्रचार के दौरान ही जताया गया था भरोसा
निकम ने बताया कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान जब उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई थी, तभी पीएम ने उन पर भरोसा जताया था। उस मुलाकात के बाद अब यह नामांकन उनके लिए एक नई जिम्मेदारी और विश्वास का प्रतीक है।
26/11 केस समेत कई बड़े मामलों में निभाई थी अहम भूमिका
उज्ज्वल निकम देश के उन गिने-चुने वकीलों में से हैं जिन्होंने देश के सबसे संवेदनशील और चर्चित आपराधिक मामलों में अभियोजन पक्ष का नेतृत्व किया।
इनमें प्रमुख हैं:
- 26/11 मुंबई आतंकी हमला: जिसमें अजमल कसाब को फांसी दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
- 1993 मुंबई सीरियल बम धमाके
- प्रह्लाद शिंदे गैंगरेप केस
- सुनंदा पुष्कर मौत मामला
- नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड
इन मामलों में निकम की प्रभावशाली पैरवी और कानूनी रणनीति की पूरे देश में सराहना हुई थी।
राज्यसभा में कानूनी मुद्दों पर मिलेगी सशक्त आवाज
निकम की राज्यसभा में मौजूदगी से उम्मीद की जा रही है कि वे आतंकवाद विरोधी कानूनों, न्यायिक सुधारों और कानून नीति से जुड़े मुद्दों पर सशक्त और अनुभवजन्य आवाज बनकर उभरेंगे। उनके अनुभव से संसद में कानून के विमर्श को दिशा मिलेगी और न्याय प्रणाली की मजबूती पर सार्थक बहस संभव होगी।
पहले भी मिल चुके हैं कई सम्मान
महाराष्ट्र सरकार ने उज्ज्वल निकम को उनके कानूनी योगदान के लिए कई बार सम्मानित किया है। वे जनता के बीच एक न्यायप्रिय और निर्भीक वकील की छवि रखते हैं, जो आतंकवाद और अपराध के खिलाफ सख्त रुख के लिए जाने जाते हैं। मुंबई जैसे बड़े शहर से आने के बावजूद उनका व्यक्तित्व हमेशा जमीन से जुड़ा और सरल बना रहा है।