सावधान: डेयरी से लाया दूध पीकर सोय मासूम, कुछ ही देर में दोनों बच्चों की मौत.. हड़कंप! लैब भेजे गए नमूने, क्या है सच्चाई ?

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। कागारौल क्षेत्र में दूध पीने के बाद एक ही परिवार के दो मासूम बच्चों की संदिग्ध मौत हो गई। बच्चों की मां मुस्कान ने उन्हें दूध पिलाकर सुलाया था, लेकिन देर रात दोनों के शरीर में कोई हरकत न देखकर वह चीख पड़ी। आवाज सुनकर पूरे परिवार में हड़कंप मच गया।

11 महीने का बेटा और 2 साल की बेटी बने हादसे का शिकार

घटना करबला मोहल्ला निवासी पशु व्यापारी भूरा के घर की है। उनके 11 महीने के बेटे अवान और दो साल की बेटी माहिरा की बृहस्पतिवार रात को मौत हो गई। बच्चों की मां मुस्कान ने करीब रात 12 बजे बेटे में कोई हलचल न होने पर देखा तो दोनों निःस्पंद पड़े थे। आनन-फानन में परिवार उन्हें नजदीकी अस्पताल लेकर गया, लेकिन डॉक्टरों ने अवान को मृत घोषित कर दिया। माहिरा की भी इलाज के दौरान मौत हो गई।

बच्चों को डेयरी से लाया गया दूध पिलाया गया था

परिजनों के अनुसार, बच्चे को जो दूध पिलाया गया वह कागारौल के जगनेर रोड स्थित बच्चू रावत की डेयरी से खरीदा गया था। भूरा घर लौटते समय करीब आधा किलोमीटर दूर स्थित दुकान से एक लीटर दूध लेकर आए थे। मुस्कान ने बच्चों को वही दूध पिलाया। दूध का आधा हिस्सा बचा रह गया था, जिससे फोरेंसिक टीम ने सैंपल लिया है।

खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने डेयरी पर मारा छापा

घटना की सूचना मिलते ही खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की टीम सक्रिय हुई। सहायक आयुक्त खाद्य महेंद्र श्रीवास्तव के नेतृत्व में टीम ने पुलिस की मौजूदगी में बच्चू डेयरी पर छापेमारी की। वहां मौजूद दो बड़े ड्रमों से दूध के नमूने लिए गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद अगर दूध में मिलावट या किसी विषाक्त तत्व की पुष्टि होती है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

फोरेंसिक टीम ने घर और डेयरी से लिए सैंपल

पुलिस के अनुसार, मौके पर फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया था। टीम ने बच्चों के घर से बचे हुए दूध और डेयरी की दुकान से भी सैंपल लिए हैं। इन सैंपलों को लैब में भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असली वजह सामने आ सकेगी।

40 साल से दूध व्यवसाय में हैं बच्चू रावत

बताया जा रहा है कि बच्चू रावत पिछले 40 वर्षों से क्षेत्र में दूध का व्यापार कर रहे हैं। घटना के बाद जब खाद्य विभाग की टीम छापेमारी के लिए पहुंची, तो कई दूध व्यवसायी अपनी दुकान का शटर गिराकर मौके से फरार हो गए। हालांकि, अभी तक किसी और उपभोक्ता ने दूध पीने से तबीयत बिगड़ने की शिकायत नहीं की है।

परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से किया इनकार

बच्चों के पिता भूरा ने दूध में विषाक्त पदार्थ होने की आशंका जताई है, लेकिन उन्होंने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। पुलिस को अब तक कोई तहरीर भी नहीं दी गई है। एसीपी सैंया सुकन्या शर्मा ने बताया कि परिजन से बातचीत की गई है, लेकिन उन्होंने कानूनी प्रक्रिया में सहयोग नहीं किया।

जांच के बाद साफ होगी मौत की असली वजह

फिलहाल, बच्चों की मौत की असली वजह सामने नहीं आ सकी है। दूध की लैब रिपोर्ट और फोरेंसिक जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। पुलिस और खाद्य सुरक्षा विभाग इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। यदि दूध में मिलावट या जहर की पुष्टि होती है, तो दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई तय है।

 

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