यूपी में राजभर और ठाकुर भिड़े.. नेताजी की हुई पिटाई, DGP तक पहुंचा मामला, कमिश्नर ने थानेदार को निकाला

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में जातीय विवाद ने तूल पकड़ लिया है। छितौना गांव (थाना चौबेपुर क्षेत्र) में खेत में गाय घुसने को लेकर ठाकुर और राजभर समुदाय के बीच हुई झड़प अब सियासी मुद्दा बन चुकी है। इस मामले में लापरवाही बरतने पर थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है, वहीं चार IPS अधिकारियों की SIT जांच करेगी।
खेत में गाय घुसने से शुरू हुआ विवाद
5 जुलाई को राजातालाब के पास छितौना गांव में यह विवाद तब शुरू हुआ जब संजय सिंह के खेत में एक छुट्टा गाय घुस गई। उन्होंने गाय को भगाया, लेकिन गाय पास के खेत में जा घुसी जो राजभर बिरादरी के छोटू, भोले, गुलाम और सुरेंद्र राजभर का था। उन्होंने गाय को फिर से संजय सिंह के खेत में धकेल दिया। इसी बात को लेकर विवाद बढ़ा और मारपीट शुरू हो गई।
दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प, तलवार और लाठियों का इस्तेमाल
घटना के दौरान आरोप है कि राजभर पक्ष की ओर से अनुराग सिंह और संजय सिंह पर तलवार से हमला किया गया। देखते ही देखते दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और एक-दूसरे पर लाठी-डंडे बरसाए गए। पुलिस की मौजूदगी में ही संजय सिंह और उनके परिजनों को पुलिस जीप से उतारकर पीटा गया। घायलों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाते वक्त भी हमला जारी रहा।
घायलों की हालत गंभीर, ट्रॉमा सेंटर में भर्ती
हिंसक झड़प में दोनों पक्षों के कई लोग घायल हुए, जिन्हें वाराणसी के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। घायलों से मिलने यूपी सरकार में मंत्री अनिल राजभर भी पहुंचे, जिससे मामला और अधिक राजनीतिक रूप ले गया।
पुलिस की कार्रवाई पक्षपातपूर्ण? सवालों के घेरे में जांच
6 जुलाई को ज्वाला प्रसाद राजभर की तहरीर पर संजय सिंह, अनुराग सिंह, अमित सिंह और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। अनुराग और अमित सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। हालांकि, संजय सिंह के भाई दिगपाल सिंह द्वारा दी गई तहरीर पर पुलिस ने पहले कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे निष्पक्षता पर सवाल उठे।
करणी सेना का विरोध प्रदर्शन, थाने में डटे रहे कार्यकर्ता
करणी सेना के जिलाध्यक्ष आलोक सिंह अपने समर्थकों के साथ घायल संजय सिंह से मिलने पहुंचे और थाने में केस दर्ज कराने के लिए डटे रहे। उनका आरोप है कि मंत्री के दबाव में पुलिस ने संजय सिंह पर हमले करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।
आखिरकार दर्ज हुआ दूसरा पक्ष का केस
लगातार दबाव के बाद 8 जुलाई को पुलिस ने संजय सिंह के भाई दिगपाल सिंह की तहरीर पर भोला राजभर, राम गुलाम राजभर, सुरेंद्र राजभर, राजेंद्र राजभर, रामाश्रय, महेंद्र राजभर और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
थाना प्रभारी को हटाया गया, SIT गठित
इस विवाद और पुलिस की निष्क्रियता को गंभीरता से लेते हुए पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने शुक्रवार रात क्राइम मीटिंग बुलाई। चौबेपुर थाना प्रभारी रविकांत मलिक को लापरवाही के आरोप में मीटिंग से बाहर कर दिया गया और उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया। उनके स्थान पर राजातालाब के इंस्पेक्टर अजीत कुमार वर्मा को नया थाना प्रभारी नियुक्त किया गया है। विवाद की गंभीरता को देखते हुए चार IPS अधिकारियों वाली SIT बनाई गई है जो पूरे मामले की गहन जांच करेगी।
राजनीतिक गर्मी के बीच पुलिस की साख पर सवाल
मंत्री ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर ने लखनऊ में DGP से मिलकर पूरे मामले की शिकायत की, जिससे प्रशासन हरकत में आया। इस घटना ने पुलिस की निष्पक्षता और प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।