एयर इंडिया क्रैश: ‘फ्यूल कटऑफ स्विच’ खुद बंद हुआ या किसी ने किया ? सबसे बड़ी एविएशन साज़िश का संकेत?

12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, टेकऑफ के महज चार मिनट बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 260 लोगों की जान गई, जिनमें 241 यात्री और क्रू, और ग्राउंड पर मौजूद 19 लोग शामिल थे। शुरुआत में इसे तकनीकी खराबी माना गया, लेकिन जांच में सामने आया कि विमान के ‘फ्यूल कटऑफ स्विच’ मैन्युअल रूप से RUN से CUTOFF में चले गए थे। ये तथ्य इस पूरे हादसे को एक साज़िश में तब्दील कर सकते हैं।

हादसे की टाइमलाइन: चार मिनट में मौत का सफर

  • विमान: Boeing 787-8 Dreamliner
  • उड़ान संख्या: AI-171
  • टेकऑफ: सुबह 10:32 IST, अहमदाबाद
  • गंतव्य: लंदन गैटविक
  • यात्री: 230
  • क्रू मेंबर: 12
  • कुल लोग: 242
  • टेकऑफ के महज चार मिनट बाद दोनों इंजन बंद
  • ATC को ‘Mayday’ कॉल भेजा गया
  • विमान एक हॉस्टल की बिल्डिंग से टकराया
  • कुल मौतें: 260

सिर्फ एक यात्री—अमेरिका में रहने वाला भारतीय नागरिक—जिंदा बच पाया

फ्यूल कटऑफ स्विच का रहस्य: हाथ से दबाया गया या तकनीकी दोष?

AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि विमान के टेकऑफ के 3 सेकंड के अंदर दोनों ‘फ्यूल कंट्रोल स्विच’ RUN से CUTOFF में चले गए। इससे दोनों इंजन बंद हो गए। 10-14 सेकंड बाद जब स्विच वापस RUN में आए, तब तक विमान इंजन पावर खो चुका था।

Boeing 787 में यह स्विच लॉक से सुरक्षित होता है। ऐसे में इसका अचानक CUTOFF में चले जाना यह सवाल खड़ा करता है कि क्या यह मानवीय हस्तक्षेप था?

FAA की चेतावनी और GE इंजन की भूमिका

FAA ने 2018 में चेतावनी दी थी कि GE GEnx‑1B इंजनों में ‘पावर सर्ज’ के कारण फ्यूल कटऑफ स्विच अनजाने में CUTOFF में जा सकते हैं। FAA और Boeing ने सभी ऑपरेटर्स को सॉफ़्टवेयर और लॉक अपडेट करने के निर्देश दिए थे।

अब सवाल यह है: क्या एयर इंडिया ने ये सुधार किए थे? RTI में मांगी गई जानकारी में कहा गया—“रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।”

AAIB और DGCA की रिपोर्ट में विरोधाभास

AAIB की रिपोर्ट कहती है कि “फ्यूल कटऑफ स्विच को मैन्युअली बंद किया गया।” वहीं DGCA की रिपोर्ट में बोइंग, GE और एयर इंडिया को दोषमुक्त बताया गया और इसे “मानवीय भूल” करार दिया गया। लेकिन तब यह सवाल उठता है—अगर गलती किसी इंसान की थी, तो कौन था वह?

साजिश की आशंका: सीधा सवाल—किसने किया?

  • दोनों इंजन एकसाथ बंद होना
  • फ्यूल स्विच लॉक का फेल होना
  • CVR में पायलट और को-पायलट की हैरानी—“मैंने नहीं दबाया”
  • स्विच बंद होने के बावजूद घबराहट नहीं—क्या उन्हें पता था कि कुछ गलत हो रहा है?
संभावित परिदृश्य:
  1. ग्राउंड स्टाफ की लापरवाही या जानबूझकर गड़बड़ी
  2. सॉफ्टवेयर मैनिपुलेशन
  3. GE या Boeing द्वारा सुरक्षा खामियों को छिपाना

एयर इंडिया का इतिहास: जवाबदेही की कमी

  • 2010: मंगलौर क्रैश
  • 2020: कोझिकोड हादसा

इन दोनों घटनाओं में भी पायलट एरर का हवाला देकर जवाबदेही से बचा गया।

बोइंग की छवि पर सवाल: क्या भरोसे के काबिल है ब्रांड?

737 MAX फेलियर (2018–19) में 346 लोगों की मौत के बाद FAA ने बोइंग को चेतावनी दी थी। इसके बावजूद सवाल बना रहा कि क्या कंपनी सुरक्षा से ज्यादा कॉर्पोरेट हितों को प्राथमिकता देती है?

राजनीतिक और मीडिया की चुप्पी

सरकार की ओर से JPC जांच पर अब तक कोई स्पष्ट रुख नहीं। मीडिया का रवैया भी सतही रहा—चार दिन चर्चा के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

RTI में भी टालमटोल

RTI के जरिए पूछा गया—क्या GE का सॉफ्टवेयर अपडेट किया गया था? जवाब मिला: “जानकारी उपलब्ध नहीं”, “जांच जारी है”, “रिकॉर्ड नहीं मिला।” यह सरकारी सिस्टम की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल है।

क्या सामने आएगा सच?

260 लोगों की जान गई, लेकिन आज भी जांच स्विच की स्थिति और मानवीय हस्तक्षेप के बीच अटकी हुई है। अगर यह वास्तव में कोई साज़िश थी, तो यह भारत के एविएशन इतिहास की सबसे बड़ी एविएशन साजिश हो सकती है।

 

Related Articles

Back to top button