कांवर 2025: मंदिर में दलित को जल चढाने से रोका.. नहीं करने दी पूजा, विरोध पर लात-घूसों से पिटाई , दो गिरफ्तार

बाराबंकी जिले के रामनगर क्षेत्र स्थित ऐतिहासिक श्री लोधेश्वर महादेव मंदिर एक विवाद के चलते सुर्खियों में आ गया है। बुधवार शाम पूजा-अर्चना के दौरान दलित युवक और मंदिर के पुजारी पक्ष के बीच झड़प हो गई। यह मामला अब जातीय टिप्पणी और मारपीट के गंभीर आरोपों के चलते तूल पकड़ रहा है।

दलित युवक ने पुजारी पर लगाया जातिसूचक शब्द कहने और मारपीट का आरोप

पीड़ित युवक शैलेंद्र प्रताप ने आरोप लगाया कि जब वह मंदिर में पूजा करने पहुंचा, तो पुजारी आदित्य तिवारी ने उसे जातिसूचक शब्द कहे और पूजा करने से रोका। शैलेंद्र का कहना है कि पुजारी ने अपने बेटे के साथ मिलकर उसकी पिटाई की, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया। घटना के बाद शैलेंद्र को सीएचसी से जिला अस्पताल, और फिर लखनऊ रेफर किया गया।

पुजारी आदित्य तिवारी ने आरोपों को किया खारिज, बताया राजनीति से प्रेरित

मंदिर के पुजारी आदित्य तिवारी ने शैलेंद्र के आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि उनके बेटे और बहू मंदिर में पूजा कर रहे थे, तभी युवक ने आपत्तिजनक टिप्पणी की। जब वे मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने सिर्फ विवाद को शांत कराने की कोशिश की थी। पुजारी ने दावा किया कि मंदिर में 80 प्रतिशत सेवादार दलित समुदाय से हैं और सजावट आदि की जिम्मेदारी भी उन्हीं के परिवारों द्वारा निभाई जाती है।

पुलिस जांच में नहीं मिला साफ जातीय एंगल, दो गिरफ्तार

रामनगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार पांडेय ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पूजा से रोके जाने का कारण जाति आधारित प्रतीत नहीं होता। उन्होंने कहा कि शैलेंद्र के भाई भी उसी मंदिर में नियमित पूजा करते हैं और इस बात के प्रमाण मौजूद हैं। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर दो युवकों को गिरफ्तार कर शांति भंग की धाराओं में चालान किया है।

विवाद के राजनीतिक और सामाजिक आयाम पर उठ रहे सवाल

इस घटना के सामने आने के बाद स्थानीय स्तर पर राजनीति और सामाजिक तनाव की आशंका भी व्यक्त की जा रही है। हालांकि पुलिस मामले की निष्पक्ष जांच का दावा कर रही है, लेकिन मंदिर जैसे संवेदनशील स्थान पर ऐसी घटनाएं गंभीर चिंता का विषय हैं। प्रशासन और जिला स्तर पर स्थिति की निगरानी बढ़ा दी गई है।

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