पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट ने पलट दिया Radhika Yadav मर्डर केस, पीठ पर नहीं.. सीने पर मारीं 4 गोलियां.. पिता का बयान झूठा !

गुरुग्राम के सेक्टर 57 में टेनिस प्लेयर राधिका यादव की हत्या के मामले में चौंकाने वाला मोड़ आ गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने इस सनसनीखेज वारदात को एक गहरी साजिश की ओर मोड़ दिया है। अब यह सिर्फ पिता की गुस्से में उठाई गई हरकत नहीं, बल्कि सुनियोजित साजिश की आशंका को जन्म दे रहा है।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने खोले कई राज
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ है कि राधिका को चार गोलियां मारी गईं और सभी गोलियां उसके सीने में लगी थीं। जबकि आरोपी पिता दीपक यादव ने पुलिस को दिए बयान में दावा किया था कि उसने पीछे से तीन गोलियां पीठ पर मारी थीं। यह बड़ा विरोधाभास इस हत्या की मंशा और उसके पीछे की सच्चाई को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।
पिता का कबूलनामा और विरोधाभासी तथ्य
आरोपी पिता दीपक यादव ने पुलिस पूछताछ में माना कि उसने गुस्से में आकर राधिका को गोली मारी। उसका दावा था कि उसे बेटी के टेनिस अकादमी चलाने पर आपत्ति थी और गांव में लोगों की बातों से वह मानसिक रूप से परेशान था। दीपक ने बताया कि उसने बेटी की पीठ पर गोली चलाई, लेकिन रिपोर्ट से साफ है कि गोलियां सीने पर मारी गईं — यानी वह राधिका के सामने खड़ा था। इससे पूरा कबूलनामा शक के घेरे में है।
टेनिस अकादमी या सोशल मीडिया? हत्या का असली कारण क्या?
शुरुआती मीडिया रिपोर्ट्स में हत्या की वजह राधिका का इंस्टाग्राम पर रील्स बनाना बताया गया था। हालांकि पुलिस ने इसे खारिज करते हुए कहा कि असल विवाद राधिका की टेनिस अकादमी को लेकर था। दीपक को बेटी का टेनिस कोचिंग में मन लगाना और सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना नापसंद था।
बताया जा रहा है कि दीपक ने अपनी बेटी के करियर पर करीब ढाई करोड़ रुपये खर्च किए थे — विदेशों में ट्रेनिंग, महंगे टेनिस रैकेट और सुविधाएं दिलवाई थीं। लेकिन चोट लगने के बाद जब राधिका टेनिस से दूर हुई और इन्फ्लुएंसर बनने की ओर बढ़ने लगी, तब पिता की नाराजगी बढ़ती चली गई।
आमदनी और सामाजिक दबाव की भूमिका
जांच में सामने आया है कि दीपक यादव की सालाना आमदनी लाखों में थी। वह प्रॉपर्टी ब्रोकर था और किराए से भी अच्छी-खासी कमाई करता था। लेकिन गांव में कुछ लोगों ने उसे ताना मारा कि वह बेटी पर नियंत्रण नहीं रख पा रहा है और बेटी की कमाई खाता है। इससे वह मानसिक दबाव में आ गया और कई बार राधिका को टेनिस अकादमी बंद करने को कहा — जिसे राधिका ने नकार दिया।
सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट, नई जांच की शुरुआत
पुलिस को इस बात का भी संदेह है कि राधिका के सोशल मीडिया अकाउंट्स घटना के बाद डिलीट कर दिए गए। एसीपी यशवंत के अनुसार, यह जांच का एक बड़ा एंगल है कि अकाउंट किसने और क्यों डिलीट किया। पुलिस अब राधिका के मोबाइल, सोशल मीडिया गतिविधियों, दोस्तों और पारिवारिक रिश्तों की गहराई से जांच कर रही है।
आगे क्या?
इस पूरे मामले में अब जांच की दिशा तेजी से बदल रही है। पिता का स्वीकारोक्ति बयान, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से उलट है। अब पुलिस हत्या की पूर्व नियोजित साजिश की जांच कर रही है। इस बात की भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि यह घटना रियल एस्टेट से जुड़े किसी विवाद, पारिवारिक दबाव या सामाजिक प्रतिष्ठा के डर का नतीजा हो।
राधिका यादव की हत्या सिर्फ एक भावनात्मक आवेश में उठाया गया कदम नहीं लगती, बल्कि यह एक जटिल पारिवारिक और सामाजिक तनाव का विस्फोट है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और घटनास्थल की परिस्थितियां स्पष्ट करती हैं कि यह मामला और भी गहराई से जांच की मांग करता है।