‘Udaipur Files’ विवाद: मुस्लिम संगठनों के विरोध पर VHP मैदान में, दिया ऐसा बयान.. मच गया बवाल ! जानिए क्या कहा ?

राजस्थान के बहुचर्चित कन्हैयालाल मर्डर केस पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गई है। मुस्लिम संगठनों द्वारा फिल्म के विरोध के बाद विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और सभी हिंदुओं व जिहादी मानसिकता का विरोध करने वालों से इस फिल्म को देखने और समर्थन देने की अपील की है।

फिल्म पर बढ़ता विवाद, VHP ने साधा निशाना

फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ को लेकर मुस्लिम संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है। वहीं, अब विश्व हिंदू परिषद (VHP) खुलकर इस विरोध के खिलाफ सामने आई है। VHP के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमितोष परीक ने कहा कि “मुस्लिम संगठन इसलिए इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं क्योंकि यह एक हिंदू की निर्मम हत्या की सच्ची घटना पर आधारित है, जिसमें धर्म के नाम पर उसका कत्ल किया गया।”

VHP ने किया हिंदुओं से समर्थन का आग्रह

प्रवक्ता अमितोष परीक ने कहा कि यह फिल्म केवल एक सिनेमा नहीं, बल्कि एक संदेश है जो समाज में जिहादी सोच के खिलाफ चेतना जगाने का कार्य करता है। उन्होंने कहा, “अगर मुस्लिम संगठन इसका विरोध कर रहे हैं तो हम सभी हिंदुओं और देश की सुरक्षा को लेकर संवेदनशील नागरिकों से अपील करते हैं कि वे इस फिल्म को जरूर देखें और इसका समर्थन करें।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस फिल्म के संदेश को समाज में आगे बढ़ाना ही समय की मांग है।

‘उदयपुर फाइल्स’ को सेंसर बोर्ड की मंजूरी, फिर भी विरोध क्यों ?

VHP प्रवक्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि फिल्म को सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र मिला है और अब तक अदालत ने भी इस पर कोई रोक नहीं लगाई है। ऐसे में फिल्म का विरोध करना पूरी तरह से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।

विपक्ष पर भी साधा निशाना, चुप्पी पर उठाए सवाल

फिल्म को लेकर विपक्षी दलों की चुप्पी पर भी VHP ने नाराजगी जताई है। अमितोष परीक ने कहा कि जब कन्हैयालाल टेलर की सरेआम हत्या की गई, तब कोई भी विपक्षी पार्टी आवाज नहीं उठाती, लेकिन अब जब उसकी सच्चाई सामने लाने वाली फिल्म बनी है, तो विरोध शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि यह दोहरे मापदंड और हिन्दू विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।

जिहादी मानसिकता के खिलाफ सच्चाई की आवाज है यह फिल्म: VHP

VHP का कहना है कि उदयपुर फाइल्स कोई काल्पनिक कहानी नहीं, बल्कि वह कटु सत्य है, जिसे समाज के सामने लाना जरूरी है। फिल्म के माध्यम से कट्टरता और जिहादी सोच का पर्दाफाश किया गया है। ऐसे में इस फिल्म का विरोध सिर्फ उस सच्चाई से भागने की कोशिश है, जो देश को जागरूक करने के लिए जरूरी है।

 

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