सरकार ने शुरू की ‘कुक्किर तिहार’ योजना, आवारा कुत्तों को डेली मिलेगा चिकन-राइस.. छिड़ा विवाद !

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में आवारा कुत्तों की देखभाल को लेकर एक अनोखी पहल की शुरुआत की गई है। बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) ने ‘कुक्किर तिहार’ नामक योजना के तहत 5,000 स्ट्रीट डॉग्स को प्रतिदिन पोषक आहार देने की योजना बनाई है। इस योजना का उद्देश्य सिर्फ खाना देना नहीं, बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी के संदेश को भी मजबूत करना है।

हर दिन चिकन-राइस, प्रति कुत्ता खर्च ₹22

योजना के तहत प्रत्येक स्ट्रीट डॉग को प्रतिदिन 367 ग्राम चिकन-राइस दिया जाएगा। इस पर प्रति कुत्ता ₹22 का खर्च आएगा, जिससे सालाना अनुमानित खर्च ₹2.88 करोड़ होगा। पहले चरण में 4,000 कुत्तों को प्रतिदिन भोजन देने का लक्ष्य रखा गया है, जिसे बाद में 5,000 तक बढ़ाया जाएगा।

आठ जोन में टेंडर जारी, FSSAI रजिस्टर्ड कैटरर्स को प्राथमिकता

BBMP ने इस योजना को लागू करने के लिए शहर के आठ जोन — ईस्ट, वेस्ट, साउथ, आरआर नगर, दसरहल्ली, बोम्मनहल्ली, येलहंका और महादेवपुरा — में टेंडर जारी किए हैं। केवल वही कैटरिंग सेवाएं इस योजना में भाग ले सकती हैं जो भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) से पंजीकृत हों। अनुबंध एक वर्ष के लिए वैध होगा और प्रदर्शन के आधार पर इसे एक साल तक बढ़ाया जा सकता है।

‘कुक्किर तिहार’—सिर्फ खाना नहीं, समाज को जोड़ने की कोशिश

BBMP के मुताबिक, ‘कुक्किर तिहार’ सिर्फ एक योजना नहीं बल्कि एक जनभागीदारी अभियान है। इसका उद्देश्य लोगों को यह समझाना है कि आवारा जानवरों की देखभाल केवल सरकार की नहीं बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है।

विपक्षी नेता की आपत्ति—“खतरा बढ़ा रहे हैं”

तमिलनाडु से कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने इस योजना पर सवाल उठाते हुए एक्स (पूर्व ट्विटर) पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, “क्या ये सच है? कुत्तों की सड़कों पर कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्हें शेल्टर होम में ले जाकर टीकाकरण और नसबंदी कराई जानी चाहिए।” उन्होंने इस योजना को “स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा” बताया।

6.2 करोड़ आवारा कुत्ते और 36% रेबीज मौतें भारत में

कार्ति चिदंबरम ने 28 मार्च 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर देशभर में आवारा कुत्तों से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं पर चिंता जताई थी। उन्होंने बताया कि भारत में 6.2 करोड़ स्ट्रीट डॉग्स हैं और रेबीज से होने वाली वैश्विक मौतों में 36% भारत में होती हैं।

राष्ट्रीय टास्क फोर्स और स्थायी समाधान की मांग

चिदंबरम ने देशभर में एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स बनाने का प्रस्ताव रखा जो वैज्ञानिक, मानवीय और समग्र दृष्टिकोण से इस संकट का समाधान निकाले। उन्होंने स्थानीय निकायों के सहयोग से स्थायी शेल्टर हाउस और दीर्घकालिक रणनीति की मांग की।

 

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