यूपी में सुबह-सुबह धरा गया दरोगा.. 15,000 की रिश्वत लेते टीम ने दबोचा, घूस लेने की वजह चौंकाने वाली..

भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी अभियान में एक और पुलिसकर्मी फंस गया है। गुरुवार सुबह झांसी में एंटी करप्शन टीम ने मऊरानीपुर थाने में तैनात दरोगा विनीत कुमार को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी दरोगा पर आरोप है कि वह एक मारपीट के केस में धारा बढ़ाने की एवज में पीड़ित से घूस मांग रहा था।
केस में धारा बढ़ाने के लिए मांगे थे 15 हजार रुपए
मऊरानीपुर थाना क्षेत्र के मेलौनी गांव में कुछ दिन पहले दो पक्षों के बीच मारपीट हुई थी, जिसमें अखिलेश नामक युवक के पिता को गंभीर चोटें आई थीं। पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर पर केस तो दर्ज कर लिया, लेकिन जांच कर रहे दरोगा विनीत कुमार ने कथित तौर पर पीड़ित से कहा कि यदि वह चाहता है कि गंभीर धाराएं लगाई जाएं तो इसके लिए 15 हजार रुपए देने होंगे।
उत्तर प्रदेश के झाँसी के मऊरानीपुर में एंटी करप्शन टीम ने उत्तर प्रदेश पुलिस के दरोगा विनीत कुमार को 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है।
दरोग़ा विनीत कुमार ने एक मामले में धारा बढ़ाने के नाम पर रिश्वत की मांग की थी। शिकायत मिलने पर एंटी करप्शन टीम ने जाल… pic.twitter.com/LlIUfwlAzt
— Madan Mohan Soni (आगरा वासी ) (@madanjournalist) July 10, 2025
पीड़ित ने की एंटी करप्शन टीम से शिकायत
पीड़ित अखिलेश को यह बात नागवार गुज़री और उसने झांसी स्थित एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया। टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक जाल बिछाया और अखिलेश से दरोगा को घूस देने का नाटक करने को कहा।
अंबेडकर चौराहे पर हुई गिरफ्तारी, कांपने लगा दरोगा
गुरुवार सुबह दरोगा विनीत कुमार ने अखिलेश को अंबेडकर चौराहे पर बुलाया। जैसे ही उसने रिश्वत की रकम ली, मौके पर मौजूद एंटी करप्शन टीम ने इशारे पर दरोगा को धर दबोचा। टीम को देखते ही दरोगा के होश उड़ गए और वह थरथर कांपने लगा। इसके बाद टीम ने उसे मौके से गिरफ्तार कर झांसी रवाना कर दिया।
पूछताछ जारी, केस दर्ज होने की तैयारी
एंटी करप्शन टीम आरोपी दरोगा से पूछताछ कर रही है। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया जाएगा। इस कार्रवाई के बाद मऊरानीपुर थाना और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
पुलिस की छवि पर फिर उठा सवाल
इस मामले से एक बार फिर उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि पर सवाल उठे हैं। जहां एक ओर सरकार भ्रष्टाचार मुक्त शासन की बात कर रही है, वहीं पुलिस विभाग के कुछ अधिकारी अपने आचरण से पूरे सिस्टम को बदनाम कर रहे हैं।