अचानक CM हाउस में हाई लेवल मीटिंग, BJP नेता ‘खेमका’ की हत्या के बाद कुछ बड़ा होने वाला क्या ? माफिया..

बिहार के जाने-माने उद्योगपति व भाजपा नेता गोपाल खेमका की 4 जुलाई की रात लगभग 11:40 बजे उनके पटना स्थित आवास के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना उनके बेटे गुंजन खेमका की 2018 की हत्या को दोहराती नजर आई, जिससे राज्य में कानून-व्यवस्था पर भारी राजनीति शुरू हो गई।
घटना का विवरण
गोपाल खेमका गांधी मैदान थाना क्षेत्र के पानाचे होटल के पास अपनी कार से उतर रहे थे, तभी एक बाइक सवार अज्ञात हमलावर ने ताबड़तोड़ फायरिंग की। खेमका को बुलेट लगी और वे वहीं गिर गए। एक गोली और एक कारतूस घटनास्थल से बरामद किए गए। खेमका को तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पीड़ित का परिचय और पृष्ठभूमि
गोपाल खेमका पटना के मगध हॉस्पिटल के मालिक और बाँकीपोरे क्लब के डायरेक्टर थे। उनका कारोबार मेडिकल स्टोर, पेट्रोल पंप, रियल एस्टेट और कार्टन फैक्ट्री तक विस्तारित था। 2018 में उनके बेटे गुंजन खेमका की भी इसी तरह हत्या हुई थी, जो भाजपा की इंडस्ट्री सेल के बिहार कन्वीनर थे। आज की हत्या ने उसी घटनाक्रम को दोहराया है, जिससे परिवार में डर और सवाल दोनों बढ़े हैं ।
पुलिस-प्रतिक्रिया और जांच
घटना के सुचना मिलने पर स्थानीय पुलिस और पेट्रोलिंग टीम ने तुरंत स्थल को सील कर दिया। Forensic टीम को भी बुलाया गया ।
सेंट्रल SP दीक्षा ने बताया कि CCTV फुटेज की समीक्षा की जा रही है और एक बुलेट तथा एक खोल बरामद हुआ है ।
बिहार के DGP विनय कुमार ने पुष्टि की कि SIT (Special Investigation Team) गठित की गयी है, जिसमें STF और CID को भी शामिल किया गया है ।
प्रारंभिक जांच में यह निष्कर्ष सामने आया है कि हत्या शायद संपत्ति विवाद या पुरानी शत्रुता के चलते हुई हो सकती है ।
मुख्यमंत्री द्वारा बैठक और निर्देश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को CM हाउस में वरीय पुलिस अधिकारियों को तलब किया और कानून व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने DGP से पूरी जानकारी ली और कहा कि दोषी चाहे कोई भी हो, बिना भेदभाव के सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लापरवाही करने वाले पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी ।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और विपक्ष का प्रहार
RJD नेता तेजस्वी यादव ने इसे राज्य में “मीडियाकवरेज़ करके छुपाए जा रहे जंगलराज” करार दिया।
राज्यसभा सदस्य पप्पू यादव (राजेश रंजन) ने आरोप लगाया कि यदि गुंजन खेमका हत्या के बाद सख्त कार्रवाई हुई होती तो यह हत्या नहीं होती। उन्होंने यह हत्या राज्य में अपराधियों को संरक्षण मिलने की निशानी बताया।
मृत्युंजय तिवारी (RJD) ने इसे “क्रिमिनल रूल” कहा और मांग की सरकार को हटाया जाना चाहिए ताकि कानून व्यवस्था में सुधार आ सके।