आखिर क्यों बार-बार टल रहा ‘Axiom-4 Mission’ ? कब भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला रचेंगे इतिहास ?

भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि बनने जा रहा ‘एक्सिओम मिशन-4’ एक बार फिर अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस मिशन के तहत भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ल को तीन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) भेजा जाना था। लॉन्चिंग की निर्धारित तारीख 22 जून 2025 थी, लेकिन तकनीकी और संचालन संबंधी कारणों से इसे टाल दिया गया है।

क्यों टालनी पड़ी लॉन्चिंग ?

नासा के अनुसार, आईएसएस के रूसी ज्वेज्दा सेवा मॉड्यूल में मरम्मत के बाद इसके संचालन का पुनर्मूल्यांकन अभी जारी है। इसी कारण से स्टेशन पर अतिरिक्त क्रू की मौजूदगी के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं हो पाई है। एक्सिओम स्पेस ने भी इस पर सहमति जताई और कहा कि नासा और स्पेसएक्स आने वाले दिनों में नई लॉन्च तिथि की घोषणा करेंगे।

अब तक कितनी बार टला है मिशन ?

यह छठी बार है जब एक्सिओम-4 मिशन को टाला गया है:

पहली तय तारीख: 29 मई

फिर: 8 जून, 9 जून, 10 जून, 11 जून

बाद में 19 जून तय की गई

हालिया तारीख: 22 जून, जो अब स्थगित

इन सभी बारों में अलग-अलग कारण सामने आए – फाल्कन-9 रॉकेट में ईंधन व तरल ऑक्सीजन का रिसाव, आईएसएस में तकनीकी दिक्कतें, और मौसम की खराब स्थितियां।

भारत के लिए क्यों ऐतिहासिक है यह मिशन ?

शुभांशु शुक्ल, इस मिशन के जरिए आईएसएस पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बनने वाले हैं। इससे पहले केवल राकेश शर्मा भारत के अंतरिक्ष में गए थे, लेकिन वे आईएसएस नहीं पहुंचे थे। उनके साथ पोलैंड और हंगरी के यात्री भी होंगे, जो 40 साल बाद पहली बार मानव मिशन का हिस्सा बनेंगे।

कौन हैं शुभांशु शुक्ला ?

शुभांशु का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ में हुआ। वे सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से पढ़े हैं। भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट बनने से पहले उन्होंने NDA और SSB दोनों में सफलता हासिल की थी। उन्होंने SU-30 MKI, मिग-29, मिग-21 जैसे लड़ाकू विमानों को उड़ाया है और उन्हें 2000 घंटे की उड़ान का अनुभव है।

वैज्ञानिक मिशनों के साथ निजी अनुभव भी साझा करेंगे

शुभांशु ने बताया था कि वे इस मिशन में कई वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे। इसके साथ ही वे अपने अनुभवों को कैमरे के जरिए कैद करेंगे ताकि भारतवासी भी इस यात्रा को महसूस कर सकें। उनका कहना है, “यह यात्रा सिर्फ मेरी नहीं, 1.4 अरब भारतवासियों की है।”

कैसी रही ट्रेनिंग और तैयारी ?

शुभांशु को 2021 में रूस के गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर भेजा गया था। वहां उन्हें जीरो ग्रैविटी, आपात प्रोटोकॉल और स्पेसक्राफ्ट ऑपरेशन्स की ट्रेनिंग दी गई। भारत लौटने पर वे इसरो के बंगलूरू केंद्र में टेस्टिंग का हिस्सा बने। 27 फरवरी 2024 को उनका नाम गगनयान मिशन के चार चयनित अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल किया गया।

मिशन में कौन-कौन होंगे साथ ?

पेगी व्हिट्सन (कमांडर, अमेरिका)

स्लावोज उज्नान्स्की (मिशन स्पेशलिस्ट, पोलैंड)

टिबोर कापू (मिशन स्पेशलिस्ट, हंगरी)

शुभांशु शुक्ला (प्रधान अंतरिक्ष यात्री, भारत)

इन सबके साथ मिलकर शुभांशु स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट और ड्रैगन कैप्सूल में सवार होकर ISS तक पहुंचेंगे।

एक्सिओम मिशन से गगनयान को भी मिलेगा लाभ

यह मिशन न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की स्थिति मजबूत करेगा, बल्कि शुभांशु द्वारा अर्जित अनुभव गगनयान मिशन के लिए मार्गदर्शन का काम करेगा। इससे अन्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष की चुनौतियों को समझने में मदद मिलेगी।

एक्सिओम मिशन-4 का बार-बार स्थगित होना भारत और दुनिया भर के अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए निराशाजनक जरूर है, लेकिन इसकी तैयारी में की जा रही सतर्कता भविष्य में मिशन की सफलता की गारंटी बन सकती है। शुभांशु शुक्ल की अंतरिक्ष यात्रा न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बल्कि भावनात्मक और प्रेरणात्मक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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