बड़ी खबर: ओपिनियन पोल दिखाने वाले इन यूट्यूब चैनलों पर “FIR”, उपचुनाव से पहले एक्शन में चुनाव आयोग

पंजाब की लुधियाना वेस्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर चुनावी सरगर्मी तेज़ हो गई है। जहां एक ओर प्रशासन ने मतदान की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है, वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग ने नियमों की अनदेखी करने वाले यूट्यूब चैनलों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए मुकदमे दर्ज कराए हैं। आयोग ने यह कदम चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद ओपिनियन पोल दिखाने को लेकर उठाया है, जो कि चुनावी आचार संहिता और कानून का उल्लंघन है।
ओपिनियन पोल दिखाने पर यूट्यूब चैनलों पर मुकदमा
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदान से पहले 48 घंटे के भीतर किसी भी तरह के ओपिनियन पोल या सर्वेक्षण का प्रसारण प्रतिबंधित है। इसके बावजूद कुछ यूट्यूब चैनलों ने यह नियम तोड़ते हुए पोल प्रसारित किए। इस पर आयोग ने रिप्रजेंटेशन ऑफ़ पीपल एक्ट, 1951 की धारा 126 और भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 223 के तहत मामले दर्ज कर दिए हैं।
चुनाव प्रचार खत्म, मतदान की तैयारी पूरी
लुधियाना वेस्ट उपचुनाव के लिए प्रचार मंगलवार शाम 5 बजे समाप्त हो चुका है। अब 19 जून को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा। चुनाव आयोग ने मतदान केंद्रों की व्यवस्था, सुरक्षा बलों की तैनाती और EVM की जांच जैसे सभी इंतजाम पूरे कर लिए हैं। निर्वाचन प्रक्रिया को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बनाने के लिए पूरी निगरानी रखी जा रही है।
कौन-कौन हैं मैदान में – प्रमुख उम्मीदवारों की सूची
इस उपचुनाव में कुल 14 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला तीन प्रमुख दलों के उम्मीदवारों के बीच माना जा रहा है:
आम आदमी पार्टी (AAP): राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा
कांग्रेस: पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु
भारतीय जनता पार्टी (BJP): जीवन गुप्ता
यह सीट आप विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी के निधन के बाद खाली हुई थी, इसलिए आप के लिए यह चुनाव न केवल सीट बचाने का मामला है, बल्कि साख का सवाल भी है।
BJP और AAP ने झोंकी पूरी ताकत
इस उपचुनाव को लेकर भाजपा ने बड़े स्तर पर प्रचार अभियान चलाया। दिल्ली की मेयर रेखा गुप्ता, हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी, भाजपा नेता तरुण चुघ, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, और पंजाब भाजपा प्रमुख सुनील जाखड़ ने जमकर प्रचार किया।
वहीं आम आदमी पार्टी ने भी इस सीट को बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है क्योंकि यह सीट पहले से आप के पास थी। अगर आप यह सीट हारती है तो राजनीतिक छवि को बड़ा नुकसान हो सकता है।
लुधियाना वेस्ट उपचुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण बन गया है—चाहे वो चुनाव आयोग की सख्ती, कानूनी अनुपालन, या राजनीतिक दलों की प्रतिष्ठा हो। सभी निगाहें अब 19 जून के मतदान पर टिकी हैं, जहां से परिणाम आने के बाद यह तय होगा कि जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है और कौन सा दल बाजी मारता है।