UP Police में एकसाथ हुआ 3 सगी बहनों का चयन.. पिता ने कहा – “सपना हुआ पूरा”, एक ही कमरे में रहता है परिवार

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में नगर पंचायत के संविदा कर्मी पिता वीरेंद्र सिंह के लिए गर्व का पल आया, जब उनके तीन सगी बेटियाँ – रश्मि, सपना और कंचन – एक साथ यूपी पुलिस कांस्टेबल बनीं। यह उपलब्धि परिवार और इलाके में खुशी और प्रेरणा का स्रोत बन गई है।
मेहनत और संघर्ष की कहानी
हाथरस मुरसान की रहने वाली यह मेहनती परिवार मुरसान नगर पंचायत में कार्यरत वीरेंद्र सिंह और उनकी पत्नी निर्मला के नेतृत्व में एक छोटी सी एक कमरे की झुग्गी में रहता था। आर्थिक चुनौतियों के बावजूद माता-पिता ने अपनी बेटियों को शिक्षा और अनुशासन के साथ आगे बढ़ाया।
सुबह-सुबह दौड़, कोशिश और समर्पण
रश्मि, सपना (दोनों 2018 में इंटरमीडिएट उत्तीर्ण) और कंचन (2019 में इंटरेमीडिएट पास) ने पुलिस भर्ती की तैयारियों में परिवार का पूरा सहयोग पाया। सुबह 5 बजे पिता के साथ दौड़ लगाई जाती थी, और दिन में 6–8 घंटे पढ़ाई होती थी।
तीनों बहनों का एक साथ चयन
सभी बहनों को एक साथ यूपी पुलिस में कांस्टेबल के रूप में चुना गया। सोमवार को चुनी गई बहनों को ट्रेनिंग के लिए रवाना किया गया, जहां स्थानीय लोगों समेत पूर्व चेयरमैन और कई गणमान्य उपस्थित रहे और उन्होंने फूल माला पहनाकर स्वागत किया। रश्मि व सपना की ट्रेनिंग ललितपुर में है, जबकि कंचन कानपुर देहात में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी।
स्वागत समारोह की झलक
ट्रेनिंग रवाना होने पर पूर्व चेयरमैन गिरिराज किशोर शर्मा, पंकज अग्रवाल, रुपेश अग्रवाल, विश्व गुरु, डॉ. विष्णु, मास्टर लखन सिंह आदि ने फूलमालाओं से बहनों का अभिवादन किया। पूरे समुदाय ने इस उपलब्धि को अपने बच्चे जैसा गौरव मानकर शेयर किया।
संदेश और अधिकारिता
इस उपलब्धि ने साबित कर दिया है कि परिस्थितियाँ चाहे जैसी हों, दृढ़ संकल्प व शिक्षा से सपने साकार हो सकते हैं। यह कहानी अन्य ग्रामीण परिवारों में स्थित संकल्प शक्ति और महिला सशक्तिकरण की प्रेरणा जगाती है।
हाथरस की यह प्रेरक कहानी बताती है कि कैसे एक संविदा कर्मी पिता का संघर्ष और परिवार का साथ तीन बेटियों को यूपी पुलिस में स्थापित कर सकता है। यह सफलता समाज में समानता, शिक्षा व नारी शक्ति के आदर्श को मजबूत करती है।