चर्चित हत्याकांड पर BJP बाहुबली विधायक को नोटिस, कोर्ट के फैसले से बुरे फंसे नेताजी, जानिए पूरा मामला

वाराणसी के बहुचर्चित राम बिहारी चौबे हत्याकांड में एक बार फिर बड़ा मोड़ आया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में बाहुबली विधायक सुशील सिंह को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है। याचिका में विधायक को अभियुक्त के रूप में तलब किए जाने की मांग की गई है।
क्या है पूरा मामला?
यह हत्याकांड 4 दिसंबर 2015 को वाराणसी के चौबेपुर थाना क्षेत्र में हुआ था, जब राम बिहारी चौबे की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के बेटे अभय नाथ चौबे ने घटना के बाद एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मामले में पुलिस ने तीन अभियुक्त, नागेन्द्र उर्फ राजू, अजय सिंह उर्फ अजय मरदह, और सनी सिंह को गिरफ्तार किया था।
विवेचना में सामने आया विधायक का नाम
गिरफ्तार आरोपी नागेन्द्र उर्फ राजू ने पुलिस को दिए गए बयान में स्वीकार किया कि हत्या अजय सिंह के कहने पर की गई थी। आगे खुलासा हुआ कि अजय सिंह, क्षेत्रीय विधायक सुशील सिंह के निरंतर संपर्क में था। इस आधार पर पुलिस ने विधायक की भूमिका की भी जांच शुरू की थी। हालांकि, याची पक्ष ने आरोप लगाया कि विधायक की राजनीतिक पहुंच और सत्तारूढ़ दल से संबंधों के कारण पुलिस ने निष्पक्ष जांच नहीं की और उन्हें जांच से क्लीन चिट दी गई।
याचिका से सुप्रीम कोर्ट तक की कानूनी लड़ाई
राम बिहारी चौबे के बेटे अमरनाथ चौबे ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने उस याचिका को निस्तारित करते हुए प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि मामले की जांच सीओ स्तर के अधिकारी की निगरानी में कराई जाए। इसके बाद याची ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए जांच का जिम्मा अधिकारी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को सौंपा। उनके द्वारा की गई जांच रिपोर्ट वाराणसी की ट्रायल कोर्ट को सौंप दी गई, जहां अन्य अभियुक्तों के विरुद्ध सुनवाई जारी है।
विधायक को अभियुक्त बनाने की मांग खारिज, फिर हाईकोर्ट का रुख
जांच रिपोर्ट में विधायक की भूमिका को लेकर कोई स्पष्ट आपराधिक जिम्मेदारी तय नहीं की गई। इस पर अमरनाथ चौबे ने ट्रायल कोर्ट में अर्जी देकर मांग की कि विधायक सुशील सिंह को भी अभियुक्त बनाया जाए। ट्रायल कोर्ट ने यह अर्जी खारिज कर दी। इसके बाद अमरनाथ चौबे ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में निगरानी याचिका दाखिल की। याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की एकल पीठ ने विधायक सुशील सिंह को नोटिस जारी कर 21 अगस्त तक जवाब मांगा है। कोर्ट ने सभी पक्षों को इस अवधि में जवाबी व प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया है।
क्या है आगे की प्रक्रिया?
हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी। इस दौरान यह तय किया जाएगा कि विधायक को बतौर अभियुक्त तलब किया जाए या नहीं। यदि कोर्ट को याचिका में उठाए गए तर्क संतोषजनक लगते हैं, तो विधायक के खिलाफ कार्यवाही की जा सकती है।