66 वर्षीय दादी ने श्रीलंका में रचा इतिहास, इस खेल में अच्छे-अच्छों को दी मात.. नाम पड़ा “शटर दादी”, जीता गोल्ड

उत्तराखंड की 66 वर्षीय बैडमिंटन खिलाड़ी निर्मला नेगी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि उम्र केवल एक संख्या है, अगर जज्बा और मेहनत हो तो किसी भी ऊंचाई को छुआ जा सकता है। उन्होंने श्रीलंका में आयोजित इंटरनेशनल सीनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया और भारत का तिरंगा गर्व से लहराया।

शानदार प्रदर्शन के साथ भारत को दिलाया स्वर्ण पदक

निर्मला नेगी ने सीनियर कैटेगरी में अपने प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ते हुए फाइनल मुकाबले में शानदार जीत दर्ज की। यह मुकाबला श्रीलंका में आयोजित हुआ था, जहां कई देशों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। लेकिन उम्र के इस पड़ाव पर भी निर्मला की फुर्ती और खेल के प्रति समर्पण ने सबको हैरान कर दिया।

महिला खिलाड़ियों के लिए बनीं प्रेरणा

निर्मला नेगी न सिर्फ अपने खेल से बल्कि अपनी सोच से भी कई युवा खिलाड़ियों को प्रेरित कर रही हैं। उन्होंने दिखाया कि महिला होने और उम्रदराज होने के बावजूद अगर मन में कुछ कर गुजरने की चाह हो तो कोई भी रुकावट मायने नहीं रखती। उनका कहना है, “मैंने कभी खुद को उम्र के दायरे में नहीं बांधा, खेल के प्रति मेरा समर्पण आज भी पहले जैसा है।”

उत्तराखंड से लेकर श्रीलंका तक फैली प्रशंसा की गूंज

निर्मला की इस उपलब्धि पर उत्तराखंड के खेल प्रेमियों और स्थानीय लोगों में गर्व की लहर है। राज्य के खेल विभाग और विभिन्न संगठनों ने उनके सम्मान में सराहना व्यक्त की। उनकी इस जीत से यह संदेश भी गया है कि उत्तराखंड की बेटियां देश का नाम दुनिया में ऊंचा कर सकती हैं।

खेल मंत्रालय और सोशल मीडिया पर मिली सराहना

निर्मला नेगी की इस जीत की खबर जैसे ही फैली, सोशल मीडिया पर लोग उन्हें ‘बैडमिंटन दादी’ कहकर सम्मान देने लगे। खेल मंत्रालय ने भी उनके प्रदर्शन की सराहना की है और भविष्य में उन्हें खेलों को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों में शामिल करने की बात कही है।

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