यूपी में 40 परिवारों ने लगाए “ये घर बिकाऊ है” के पोस्टर, कहा – “हम डर में जी रहे”.. क्या है सच ? जानिए इस रिपोर्ट में

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के मुबारकपुर क्षेत्र में स्थित छोटा पुरा (बम्हौर गांव) में करीब 40 हिंदू परिवारों ने हाल ही में अपने घरों के दरवाजों पर “हिंदू परिवार, हमारा घर बिकाऊ है” पोस्टर चस्पा कर यह जताया कि वे अब सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे और जरूरी स्थिति बनी तो वे पलायन करने को मजबूर होंगे।

स्थानीय शादी समारोह से भड़कता तनाव

3 जून को बम्हौर गांव में राकेश कन्नौजिया की शादी का कार्यक्रम था, जिसमें वर्ग विशेष के कुछ युवकों द्वारा महिलाओं पर छींटाकशी और छेड़छाड़ की गई। इस झड़प में करीब 20 लोग घायल हुए। पुलिस ने शिकायत के आधार पर 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया, वहीं थाना क्षेत्र के 6 अन्य आरोपियों को आग्नेयास्त्र लाइसेंस उल्लंघन और मारपीट के आरोप में हिरासत में लिया गया।

धमकियों और पोस्टर का सिलसिला

झड़प के बाद ग्रामीण हिंदू परिवारों ने आरोप लगाया कि वर्ग विशेष के लोग उन्हें घर-घर जाकर धमकी दे रहे हैं। सुरक्षा की मांग को लेकर 40 परिवारों ने एकजुट होकर घरों पर “बिकाऊ हैं” पोस्टर लगाए और चेताया कि अगर पुलिस सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करती तो वे जगह छोड़ देंगे।

पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया

मुबारकपुर थानाध्यक्ष निहार नंदन ने बताया कि मामले में दोनों पक्षों पर FIR दर्ज की गई है, और पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
एसएसपी हेमराज मीना ने कहा कि गांव में स्थिति फिलहाल शांत है। उन्होंने संदिग्ध पोस्टर को चुनावी स्टंट बताते हुए आरोप लगाया कि इसे प्रधानी का चुनाव झटकने की साज़िश के तहत करवाया गया। उन्होंने आश्वस्त किया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और कानून व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।

बम्हौर गांव का हथियारों से जुड़ा अतीत

ये पहला मामला नहीं है जब बम्हौर का नाम चर्चा में आया हो। यह गांव स्थानीय रूप से देसी तमंचा निर्माण के लिए कुख्यात रहा है – इतना कि मुंबई पुलिस तक यहां बनाए गए तमंचों द्वारा अड़ी विशेष घटनाओं की जाँच में जुटी थी।

सांप्रदायिक तनाव का नया रूप

इस मामले को स्थानीय धार्मिक और चुनावी राजनीति से जोड़कर भी देखा जा रहा है। विवाद शुरू तो सामूहिक शादी समारोह से हुआ लेकिन अंततः सुरक्षा और पहचान के मुद्दे में तब्दील हो गया। पोस्टर-चिपकाने का कदम एक तरह से विरोध प्रदर्शन है जो प्रशासन और कानून-व्यवस्था को चुनौती देता है।

क्या प्रशासन कार्रवाई करेगा ?

स्थानीय पुलिस ने फिलहाल आरोपियों की गिरफ्तारी और पुलिस फोर्स तैनाती से स्थिति को नियंत्रित किया है।

प्रधान अधिकारी ने चुनावी साज़िश बताकर मामले को राजनीतिक रंग दे दिया है।

अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन वास्तविक सुरक्षा प्रदान कर पाएगा जिससे परिवार पलायन से बच पाएंगे।

आजमगढ़ (मुबारकपुर) के बम्हौर गांव में एक सामान्य शादी समारोह विवाद तब सांप्रदायिक विवाद में बदल गया जब एक वर्ग ने हिंदू परिवारों पर उत्पीड़न और धमकियां देने का आरोप लगाया। 40 परिवारों द्वारा चिपकाए गए ‘घर बिकाऊ’ पोस्टर स्थानीय चिंताओं को प्रतिध्वनित करते हैं—जहां सुरक्षा और पहचान की कमी ने उनके निवास-स्थान पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

 

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